देहली में ट्रैक्टर मोर्चे के समय हुई हिंसा में ३०० पुलिसकर्मी घायल !

  • २२ लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी (एफ.आई.आर.) प्रविष्ट !

  • हिंसा का अन्वेषण अपराध शाखा और विशेष शाखा करेगी !

  • पुलिसकर्मी हिंसक भीड से मार खाते हैं, इसका अर्थ है क्या ऐसा मानें कि ‘हिंसा करनेवाली भीड को नियंत्रित कैसे करना है, इसका प्रशिक्षण पुलिसकर्मियों को नहीं मिलता ।’ हिंसक भीड से मार खानेवाले पुलिसकर्मी आतंकवादियों से जनता की रक्षा कैसे करेंगे ?
  • भीड पुलिस पर आक्रमण करने का साहस करती है, यह अपराधियों को पुलिस का भय न होने का द्योतक है । असामाजिक तत्व और धर्मांधों से मार खानेवाले पुलिसकर्मी हिन्दुओं पर मर्दानगी दिखाते हैं, यह ध्यान में रखें !
  • हिंसा के पश्चात अपराधियों को खोजनेवाले और उसके लिए समय, धन और मनुष्यबल व्यर्थ करनेवाले नहीं अपितु हिंसा ही न भडके, इसका प्रयत्न करनेवाला पुलिस बल चाहिए !

नई देहली – राजधानी में गणतंत्र दिवस के निमित्त किसान संगठनों द्वारा आयोजित ट्रैक्टर मोर्चे के समय हुई हिंसा में ३०० से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं । लाल किला, आई.टी.ओ, नांगलौई आदि परिसर में भडकी हिंसा में ये पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं । इस प्रकरण का अन्वेषण पुलिसबल की अपराध शाखा और विशेष शाखा को सौंपा गया है ।

(सौजन्य : वनइंडिया हिन्दी)

१. हिंसा में घायल हुए पुलिसकर्मियों में उत्तर देहली के ४१, पूर्व देहली के ३४, पश्चिम देहली के २७, द्वारका के ३२, देहली के बाहर के जिलों के ७५ पुलिसकर्मियों का समावेश है ।

२. इस हिंसा के उपरांत राजधानी में सुरक्षाव्यवस्था बढाई गई है । देहली की पुलिस के साथ ही केंद्रीय आरक्षित पुलिसबल की १५ टुकडियां तैनात की गई हैं ।

३. इस प्रकरण में पुलिस ने २२ लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी (एफ.आई.आर.) प्रविष्ट की है ।

(सौजन्य : Zee News)

४. यह हिंसा करने के लिए जिन्होंने भीड को भडकाया है, उनकी खोज की जा रही है । हिंसा करवानेवालों को खोजने के लिए पुलिस सीसीटीवी के छायाचित्रों का अध्ययन कर रही है ।

५. इसके लिए लाल किला, नांगलोई, मुकरबा चौक और सेंट्रल देहली के सीसीटीवी कैमेरों के छायाचित्रण का अध्ययन करने के लिए अपराध शाखा और विशेष शाखा के पुलिसकर्मियों की सहायता ली जानेवाली है ।