सनातन प्रभात का महत्त्व !

परात्‍पर गुरु परशराम पांडे

१. पाक्षिक सनातन प्रभात आध्‍यात्मिक ग्रंथ है, इस कारण वह कभी भी अनुपयोगी नहीं होगा । वह खरा गुरुस्‍वरूप होने के कारण उसमें चैतन्‍य है । इसकी सेवा करने का अवसर जिन्‍हें मिला, वे बहुत भाग्‍यशाली हैं ।
२. सनातन प्रभात के लिए समाचार संकलन, वितरण, लेखा रखना इत्‍यादि सेवा करने से समष्‍टि पुण्‍य मिलता है । यह सेवा करनेवाले कुछ साधकों की आध्‍यात्मिक उन्‍नति भी हुई है ।’
– परात्‍पर गुरु परशराम पांडे, सनातन आश्रम, देवद, पनवेल. (११.९.२०१६)