खेतों में फसलों और गायों को संगीत सुनाने पर आय में वृद्धि !
ऐसा प्रयोग प्रत्येक किसान ने करने का प्रयास करना चाहिए; लेकिन यह करते समय सात्विक और भारतीय संगीत सुनाना चाहिए । भक्ती संगीत, संतों के भजन लगाने पर उसका अधिक लाभ होगा !
नई दिल्ली – मध्य प्रदेश में कपूरिया गांव के किसान आकाश चौरसिया ने खेत में अधिक फसल आए और गाय अधिक दूध दे, इसलिए फसलों को और गायों को संगीत सुनाते हैं । फसलों और जानवरों को संगीत सुनाकर वे उन्हे प्रसन्न रखने का प्रयास करते हैं और इस कारण उनकी आय में बढोतरी हुई है । इस कारण चौरसिया को बहुत प्रशंसा मिलने के साथ उनके पास प्रशिक्षण लेने के लिए देशभर से लोग आ रहे हैं ।
१. इस विषय में चौरसिया ने कहा, खेती प्राकृतिक ढंग से होती है, प्रकृति का एक नियम होता है, हम केवल बीज बोते हैं और प्रकृति वृक्ष बनाती है । इस प्रक्रिया में मधुमक्खीयां, तितलियां ऐसे छोटे छोटे जीवों का समावेश होता है । जैसे मनुष्य तनाव दूर करने के लिए सिनेमा देखना, शांत स्थान पर बैठना, गाने सुनना पसंद करता है, उसी प्रकार पेड पौधों को भी तनाव दूर करने के लिए प्रकृति ने जैवविविधता दी है; लेकिन अब मधुमक्खीयां, तितलियां अधिक नही है । इसलिए मैं पेडों, फसलों का तनाव दूर करने के लिए उन्हे संगीत सुनाता हूं ।’
२. आकाश चौरसिया जैविक पद्धी से १६ एकड भूमी पर खेती करते हैं । उन्होने खेत में एक बडा ‘म्युजिक सिस्टम’ लगाया है । उसके माध्यम से वे फसलों को संगीत सुनाते हैं, गाय का दूध निकालते समय भी वे संगीत लगाते हैं ।