विस्तारवादी विचारों के विरुद्ध भारत एक प्रखर आवाज बनेगा !

प्रधानमंत्री मोदी ने बिना नाम लिए की चीन की आलोचना !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

जैसलमेर (राजस्थान) – आज पूरा विश्व विस्तारवादी शक्तियों के कारण त्रस्त है । यह विस्तारवादी वृत्ति एक प्रकार की मानसिक विकृति है, जो १८वीं शताब्दी के पुराने विचार दर्शाती है । इन विचारों के विरुद्ध भारत एक प्रखर आवाज बनेगा, इन शब्दों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना नाम लिए चीन की विस्तारवादी नीति की कठोर आलोचना की । १४ नवंबर को जैसलमेर में सीमा पर स्थित लोंगेवाला चौकी पर सैनिकों के साथ दीपावली मनाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसा बोल रहे थे । इस अवसर पर प्रधानमंत्री के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत, सेनादल प्रमुख मुकुंद मनोज नरवणे, वायुदल प्रमुख आरकेएस भदौरिया और सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक राकेश अस्थाना उपस्थित थे । मोदी ने यह भी कहा कि आज सीमा की रक्षा कर रहे सैनिकों के कारण ही हम देश में त्योहार मना पा रहे हैं ।

उन्होंने आगे कहा कि आज यह बात विश्व की समझ में आ रही है कि भारत अपने हित के विरुद्ध किसी भी मूल्य पर थोडी भी समझौता नहीं करेगा । भारत का सम्मान उसकी शक्ति और पराक्रम के कारण टिका हुआ है । हमने देश को सुरक्षित रखा है, इसलिए आज भारत वैश्विक मंच पर प्रखरता के साथ अपना पक्ष रख पा रहा है । भारत समझने और समझाने पर विश्वास करता है । भारत की रणनीति तो बहुत स्पष्ट है; परंतु किसी ने हमें आजमाने का प्रयास किया, तो उन्हें उसका उत्तर भी वैसा ही मिलता है ।