हिन्दुओ सावधान !

     फ्रान्‍स के नीस शहर में जिहादी आक्रमण के समान ही रूस के मुसलमानबहुल शहर कुक्‍मोर में एक १६ वर्ष के धर्मांध लडके नेे ‘अल्लाह हू अकबर’ के नारे लगाते हुए और पुलिसवालों को ‘काफिर’ कहते हुए एक पुलिसवाले पर चाकू से वार किए । यह धर्मांध यहां के पुलिस थाने के भवन में आग लगाने के लिए आया था । पुलिसवालों ने उसे बंदी बनाने का प्रयत्न करने पर उसने यह आक्रमण किया । यह धर्मांध जिस हलाल मांस के होटल में काम करता था, उस होटल में मालिक को भी अवैध शस्‍त्र बनाने और तोडफोड करने के प्रकरण में १४ वर्ष का दंड मिल चुका है । संसार में कहीं भी जाएं, इन धर्मांधों का आचरण आतंकवादी ही होता है ।

     इसिस के आतंकवादियों के सीरिया पर आक्रमण के उपरांत इस्‍लामी राष्‍ट्रों के अनेक मुसलमान यूरोप में शरणार्थी बनकर स्‍थायी हो गए । इस समय यूरोप के देशों ने उन्‍हें समा लिया; परंतु इन धर्मांधों को जिस देश ने आश्रय दिया, उसी देश की महिलाआें पर उन्‍होंने अत्‍याचार करना प्रारंभ कर दिया । वही धर्मांध अब फ्रान्‍स, रूस जैसे देशों में आतकंवादी आक्रमण करने लगे हैं । इसलिए केवल यूरोप के देशों को ही नहीं, अपितु भारत के हिन्‍दुआें को भी ऐसे धर्मांधों से सावधान रहना तथा उनका प्रतिकार करने के लिए सर्व प्रकार से तैयार रहना आवश्‍यक है ।

धर्मांधों के भडकाऊ वक्‍तव्‍य !

     फ्रान्‍स अथवा रूस में हुए आत्‍मघाती आतंकवादी आक्रमणों की घटनाएं आनेवाले भीषण काल का भान करवानेवाली हैं । प्रसिद्ध भविष्‍यवक्‍ता नास्‍त्रेदमस ने ईसाई और धर्मांधों में संघर्ष होने की भविष्‍यवाणी की थी  ‘उसकी प्रतीति शीघ्र ही आनेवाली है ।’ इसका कारण यह है कि इस आतंकवादी आक्रमण के उपरांत तथा उसे दिए गए प्रत्त्युत्तर के पश्‍चात संपूर्ण संसार के धर्मांधों के नेता उनके समाज को संबोधित कर विविध आवाहन करने लगे हैं । उनके साथ फ्रान्‍स के ईसाईयों ने भी नारे लगाए हैं कि ‘इस्‍लाम यूरोप छोडकर चला जाए ।’ मलेशिया से भागे हुए जाकिर नाइक की धमकी, मलेशिया के भूतपूर्व प्रधानमंत्री महातिर का फ्रान्‍स के लाखों लोगों का मारने का मुसलमानों को पूणर्र् अधिकार है, यह विधान स्‍पष्‍ट रूप से हिंसा करने का आवाहन है । इन भडकाऊ विधानों को देखते हुए धर्मांधों के आक्रमण बढने की ही अधिक संभावना है । समय की मांग को देखते हुए सतर्कता न बरतने अथवा प्रतिकार की तैयारी न करने से यह समझ जाएं कि आपने आत्‍मघात को आमंत्रित कर लिया है । यद्यपि यूरोप में ईसाईयों और धर्मांधों के मध्‍य संघर्ष होगा, तथापि उसकी गूंज भारत में गूंजेगी तथा यहां के हिन्‍दुआें को उसकी आंच सहनी पडेगी ।

भोपाल के प्रदर्शन, यह हिन्‍दुआें को चेतावनी !

     फ्रान्‍स की घटना पर भोपाल में सहस्रों मुसलमानों ने एकत्रित आकर प्रदर्शन किए । ये प्रदर्शन बाह्यतः फ्रान्‍स के राष्‍ट्रपति के विरुद्ध दिखाई दे रहे हैं, तब भी वह यहां के हिन्‍दुआें को चेतावनी है । इसके द्वारा उन्‍हें हिन्‍दुआें को यही बताना है कि ‘फ्रान्‍स में जो हुआ है, वैसा यदि आप करेंगे, तो हम इस प्रकार भीड में एकत्रित आकर आपको समाप्‍त कर देंगे ।’ भोपाल के पुलिसवालों ने इन मुसलमानों पर कोरोना के नियमों का उल्लंघन करने के प्रकरण में अपराध प्रविष्‍ट किया है; परंतु उससे पूर्व इन धर्मांधों को एकत्रित होने क्‍यों दिया गया ? इन सबको बिखेरा जा सकता है; परंतु सदैव की भांति धर्मांधों के सामने घुटने टेक दिए गए ।

रात ही नहीं, दिन भी बैरी का है !

     भारत के हिन्‍दुआें को इससे आगे आंखें खोलकर सोना पडेगा । यहां प्रतिदिन धर्मांधों द्वारा हिन्‍दू लडकियों पर बलात्‍कार, उनकी हत्‍या करना, हिन्‍दुत्‍वनिष्‍ठों की हत्‍या करना, उन पर आक्रमण करना आदि घटनाएं होती रहती हैं । ३० अक्‍टूबर को भाजपा के ३ कार्यकर्ताआें सहित जिहादी आतंकवादियों ने कश्‍मीर में गत ६ महीनों में भाजपा के १४ नेताआें की हत्‍या की है । कश्‍मीर में हुआ वह आक्रमण राजनीतिक नहीं है; अपितु जिहादियों ने चुनकर भाजपा के अर्थात हिन्‍दू नेताआें को लक्ष्य किया है तथा वह धार्मिक आक्रमण है । मेहबूबा मुफ्‍ती, फारुख अथवा ओमर अब्‍दुल्ला को कोई भी आतंकवादी नहीं मारेगा; क्‍योंकि वे आतंकवादियों को अपेक्षित आचरण करते हैं । ओवैसी कहते हैं, ‘‘कश्‍मीर के मुसलमान चतुर हैं । वे किसी भी बात का प्रतिशोध त्‍वरित नहीं लेते । उन्‍होंने १९८७ की घटना का प्रतिशोध १९८९ में लिया और हिन्‍दुआें को वहां से भगाया ।’’ यह हिन्‍दुआें को और मोदी सरकार को दी हुई धमकी है ।

     भारत के हिन्‍दू पहले की तुलना में थोडे चतुर हो गए हैं; परंतु यह चतुराई वर्तमान में पहली कक्षा के बच्‍चे के बराबर ही है । प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आतंकवाद के विरुद्ध के संघर्ष में भारत फ्रान्‍स के साथ है ।’ तब भोपाल में कांग्रेस का धर्मांध नेता सहस्रों मुसलमानों को फ्रान्‍स के विरोध में एकत्रित करता है । कांग्रेस के अन्‍य नेता भी फ्रान्‍स के पक्ष में नहीं बोलते । इससे हिन्‍दुआें को जान लेना चाहिए कि हिन्‍दुआें को केवल धर्मांधों से ही भय नहीं है, अपितु कांग्रेसवाले, साम्‍यवादी, अलगाववादी, खालिस्‍तानवादी आदि घर के भेदियों से भी संकट है । रातें ही नहीं दिन भी बैरी के हैं । सावधान !