चराचर में ईश्‍वर को देखता सनातन धर्म, असमानता को कोई स्थान नहीं ! – कु. कृतिका खत्री, प्रवक्ता, सनातन संस्था, दिल्ली

करवा चौथ के अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा विशेष ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित !

     दिल्ली – सनातन धर्म पर आलोचना होती है कि स्त्रियों को हिन्दू धर्म में द्वितीय श्रेणी का स्थान है, जबकि सनातन धर्म हर व्यक्ति में जो आत्मस्वरूप ईश्‍वर है, उसकी ओर देखना सिखाता है । और इतना ही नहीं, चराचर में भी ईश्‍वर का अंश सनातन धर्म देखना सिखाता है । वहां असमानता कैसे हो सकती है ? ऐसा प्रतिपादन सनातन संस्था की दिल्ली प्रवक्ता, कु. कृतिका खत्री ने किया ।

     करवाचौथ के अवसर पर इसका आध्यात्मिक, धार्मिक और ऐतिहासिक महत्त्व बताने हेतु हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में वे बोल रही थीं ।

     इस कार्यक्रम में भारतीय ऐतिहासिक और सामाजिक शोध परिषद में प्राध्यापिका, डॉ. रिंकू वढेराजी ने कम्युनिस्ट महिलाओं द्वारा करवा चौथ के अवसर पर जो अपप्रचार किया जाता है, उसका खंडन किया । इसी के साथ सिम्पली जयपुर की संपादिका श्रीमती अंशु हर्षजी ने करवा चौथ का धार्मिक एवं अध्यात्मिक महत्त्व बताया । इस कार्यक्रम को दिल्ली और मध्य प्रदेश के फेसबुक पेज और हिन्दू जनजगृति समिति के उत्तर भारत यूट्यूब चैनल से प्रसारित किया गया । इस कार्यक्रम का लाभ हजारों जिज्ञासुआें और धर्मनिष्ठों ने लिया ।