ऑनलाइन लॉटरी लगने, कौन बनेगा करोडपति में पारितोषिक मिलने के संदेश,
बैंक लेन-देन के लिए एटीएम का पिन और आधारकार्ड क्रमांक पूछने आदि विविध झूठे
आश्वानसनों की बलि न चढें तथा ऐसे संदेशों को प्रतिसाद देकर स्वयं की आर्थिक ठगी न होने दें !
समाज में शीघ्र तथा सहजता से पैसे मिलने के लोभ में नागरिक अनेक प्रलोभनों की बलि चढ रहे हैं तथा उनके ठगे जाने की घटनाएं हो रही हैं । वर्तमान में कोरोना महामारी के कारण अनेक प्रतिष्ठान बंद हो गए हैं तथा सर्वत्र बेरोजगारी बढी है । इस परिस्थिति का दुरुपयोग कर कुछ व्यक्ति सहस्रों-लाखों रुपयों की लॉटरी लगने अथवा मूल्यवान वस्तुआें के पारितोषिक मिलने के संदेश, ऑडियो मेसेज, लिंक सर्वत्र प्रसारित कर रहे हैं । इसके द्वारा नागरिकों की बडी मात्रा में आर्थिक ठगी होने की शिकायतें पुलिस में प्रविष्ट हो रही हैं ।
१. नागरिकों को भ्रमित करनेवालेे ऑनलाइन लॉटरी लगने, कौन बनेगा करोडपति में पारितोषिक मिलने के संदेश, ऑडियो मेसेज प्रसारमाध्यमों में प्रसारित होना : वर्तमान में सामाजिक प्रसार माध्यमों द्वारा ऑनलाइन लॉटरी लगनेे, कौन बनेगा करोडपति में पारितोषिक मिलने के संदेश, ऑडियो मेसेज प्रसारित किए जा रहे हैं । इसके अनुसार कुछ लाख रुपए अथवा बीएमडब्ल्यू जैसे आलीशान वाहन का पारितोषिक मिला है, यह बताकर नागरिकों को लुभाया जा रहा है ।
२. लॉटरी अथवा गाडी वाहन का पारितोषिक प्राप्त करने के लिए लाखों रुपए जमा करने के लिए अनुवर्ती प्रयास करना : उसके पश्चात नागरिकों को लॉटरी अथवा वाहन का पारितोषिक प्राप्त करने के लिए प्रोसेस फीस, चलन विनिमिय करने के लिए कुछ लाख रुपए जमा करने के लिए बताया जाता है । इसके लिए नागरिकों को उनका आधारकार्ड क्रमांक, फोटो, अधिकोष (बैंक) खाता आदि विवरण पूछा जाता है । उसके पश्चात भ्रमणभाष पर कुछ बैंक खातों का विवरण भेजकर उसमें उक्त कारणों सहित विविध प्रकार के छल का उपयोग करते हुए राशि जमा करने के लिए कहा जाता है, उसका अनुवर्ती (Follow up ) प्रयास किया जाता है । यह राशि एक चरण में न मांगते हुए पारितोषिक मिला हुआ ग्राहक कैसा प्रतिसाद दे रहा है, इसके अनुसार नए नए खातों में राशि जमा करने के लिए कहा जाता है । ऐसे अनेक प्रकरण ध्यान में आए हैं । हाल ही एक नागरिक को कौन बनेगा करोडपति का पारितोषिक मिला है, यह बताकर इसी प्रकार ठगकर बैंक के विभिन्न नौ खातों में १७ लाख से अधिक रुपये जमा करने हेतु बाध्य किया गया ।
३. ऐसी ठगी के विरुद्ध पुलिस में शिकायत करने पर भी खोई हुई राशि वापस मिलने की संभावना नहीं होती ! : सहजता से पैसे प्राप्त करना, मूल्यवान वस्तुआें के पारितोषिक की बलि चढकर पैसे जमाकर अपनी ठगी होने का ध्यान में आने के पश्चात नागरिक पुलिस में शिकायत करते हैं । जिन बैंक खातों में ठगे गए नागरिकों से पैसे जमा किए जाते हैं, उन खातों की जांच करने पर उन खातों से तत्काल पैसे निकाल लिए गए हैं, ऐसा ध्यान में आता है । इस माध्यम से नागरिकों को बडी मात्रा में ठगा जा रहा है । नागरिकों को ठगनेवाली ये देश-विदेश की टोलियां योजनाबद्ध और तांत्रिक कुशलता से कार्यरत होने के कारण उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही होने की संभावना लगभग नहीं होती । इसलिए सहजता से कोई आर्थिक लाभ कैसे करवाएगा तथा सतर्कता के अभाव के कारण विचार न करने से नागरिकों पर पश्चाताप करने के अतिरिक्त अन्य विकल्प शेष नहीं रहता ।
४. कुछ नागरिकों को बैंक लेन-देन के लिए एटीएम का पिन क्रमांक अथवा आधारकार्ड क्रमांक पूछा जाकर उस माध्यम से उनके अधिकोष से पैसे निकाल कर ठगी की घटनाएं उजागर होना : कुछ नागरिकों को अज्ञात व्यक्तियों से भ्रमणभाष पर संपर्क कर मीठे शब्दों में संभाषण किया जाता है । अपरिचित व्यक्ति चतुराई से संबंधित नागरिक द्वारा बैंक लेन-देन के लिए एटीएम पिन अथवा आधारकार्ड क्रमांक पूछ लेते हैं । सामान्य नागरिक सतर्क न रहने के कारण वे इस बात से रीझ जाते हैं और सहजता से गोपनीय क्रमांक दे देते हैं । तत्पश्चात उजागर होता है कि नागरिक के बैंक खाते से राशि निकाल ली गई है । ये आरोपी विभिन्न सिमकार्ड का उपयोग कर जाली नाम से संपर्क करते हैं, इसलिए ऐस प्रकरणों में पुलिस को शिकायत करने से भी कोई लाभ नहीं होता । वास्तव में देखा जाए तो बैंक द्वारा समय समय पर उद्बोधन कर बताया जाता है कि बैंक द्वारा नागरिकों का आधारकार्ड अथवा एटीएम पिन क्रमांक संपर्क कर नहीं पूछा जाता ।
५. बडा पारितोषिक मिलने की लिंक भेजकर वह क्लिक करने हेतु कहकर लूटा जाना : कुछ नागरिकों को लिंक भेजकर कहा जाता है कि आपको कार, फ्रिज, एलईडी टीवी जैसी मूल्यवान वस्तुएं अथवा बडी राशि का पारितोषिक मिला है अथवा विदेश के पर्यटन के लिए आपको चुना गया है । यह पारितोषिक मिलने के लिए लिंक पर क्लिक करने का आवाहन किया जाता है । उक्त लिंक पर क्लिक करने से आपकी गोपनीय जानकारी जैसे बैंक खाते का विवरण आदि आधुनिक तंत्रज्ञान का उपयोग करने से अपरिचित व्यक्ति को मिल जाता है । यह जानकारी प्राप्त कर संबंधित नागरिकों के बैंक खाते से परस्पर पैसे निकाले जाने की घटनाएं भी हुई हैं । ऐसे प्रकरणों में भी शासन-प्रशासन से न्याय मांगने पर भी कुछ नहीं मिलता ।
इस प्रकार ऑनलाइन लॉटरी लगने, कौन बनेगा करोडपति में पारितोषिक मिलने के संदेश, वॉट्सएप और ऑडियो मेसेज मिलें अथवा पारितोषिक मिलने की लिंक भेजकर उस पर क्लिक करने का आवाहन करने पर उसकी उपेक्षा करें तथा प्रतिसाद न दें । ऐसे संदेश तत्काल डिलीट करें । कोई यदि दूरभाष अथवा भ्रमणभाष पर आधारकार्ड अथवा एटीएम पिन क्रमांक मांग रहा हो तो उसकी अनदेखी करें । उसी प्रकार ऐसे असत्य कथन को प्रतिसाद देकर स्वयं की आर्थिक ठगी न होने दें !