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मौलाना द्वारा हनुमान चालीसा के परायन की दी गई अनुमति और उसके उपरांत परायन करनेवाले कार्यकर्ताओं के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए किए गए विरोध को देखते हुए देश को आज ऐसे मौलानाओं की आवश्यकता है । क्या तथाकथित आधुनिकतावादी और धर्मनिरपेक्षतावादी इस मौलाना के पक्ष में खडे होंगे ? और क्या उन्हें मस्जिद से निकाले जाने का विरोध करेंगे ?
बागपत (उत्तर प्रदेश) – यहां के भाजपा कार्यकर्ता मनुपाल बंसल ने विनयपुर की मस्जिद में हनुमान चालीसा का परायन किया । इस मस्जिद के मौलाना अली हसन की अनुमति से ही यह परायन किया गया है । सामाजिक माध्यमों से इसका वीडियो प्रसारित हुआ है । तत्पश्चात मौलाना अली हसन को मस्जिद से निकाल दिया गया है; उसके कारण वे गाजियाबाद के लोनी चले गए हैं ।
A local BJP leader, Manupal Bansal, recited the Gayatri Mantra and ‘Hanuman Chalisa’ at a mosque in Uttar Pradesh’s Baghpat after reportedly seeking permission from the local cleric.
He also posted a live-stream of the event at the mosque on Facebook.https://t.co/YUHMyfc2JM
— The Wire (@thewire_in) November 5, 2020
१. बंसल का कहना है कि मौलाना को मस्जिद से निकालना अत्यंत अनुचित है; क्योंकि उन्होंने भाईचारे का संदेश दिया है ।
२. मौलाना अली हसन ने भी बंसल के विरुद्ध कार्यवाही करने से अस्वीकार किया है । पुलिस को दिए बयान में उन्होंने कहा है कि बंसल इस गांव के रहनेवाले और मेरे परिचित हैं; इसलिए उनके विरुद्ध किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं होनी चाहिए ।
३. इससे पूर्व मथुरा के नंद महल मंदिर में २ मुसलमानों ने नमाज पढी थी, तो मथुरा के गोवर्धन स्थित एक मस्जिद में ४ हिन्दुओं ने हनुमान चालीसा का परायन किया था ।