अण्णाद्रमुक ने तमिलनाडु में सरकारी स्वामित्व वाले शिव मंदिर की ३५ एकड भूमि अधिग्रहण का षड्यंत्र रचा

हिन्दू मुन्नानी का तीव्र विरोध

क्या देश की कोई भी सरकार वक्फ बोर्ड की भूमि अधिग्रहण करने का साहस दिखा सकती है ? शंकराचार्य को झूठे आरोपों में बंदी बनाने का साहस दिखानेवाली अण्णाद्रमुक पार्टी से क्या इसके अतिरिक्त कोई अपेक्षा हो सकती है ?

हिन्दू सहिष्णु हैं, इसलिए उनके मंदिरों पर मुगलों से लेकर वर्तमान तक सभी दलों की सरकारों ने मंदिरों की संप्पत्ति को हडपा ही है, इस स्थिति को बदलने के लिए अब हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करनी ही होगी !

चेन्नई (तमिलनाडु) – कल्लाकुरिची जिले में स्थित वीरा चोलापुरम के श्री अर्धनारीश्वर मंदिर की स्थिति अत्यंत दयनीय होते हुए, सरकार के हिन्दू धार्मिक और धर्मार्थ प्रबंधन विभाग ने मंदिर की भूमि बेचने के लिए एक समाचार पत्र में विज्ञापन दिया है । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुडे तमिलनाडु के हिन्दुत्ववादी संगठन ‘हिन्दू मुन्नानी’ ने ऐसा आरोप लगाया है । सरकार कल्लकुरी जिले में एक नया जिला मुख्यालय स्थापित करने के लिए मंदिर की ३५ एकड भूमि को अधिग्रहण करना चाहती है । सरकार ने प्रस्ताव पर आपत्ति मांगी है । तदनुसार, संगठन ने अधिग्रहण के विरुद्ध सरकार को एक ज्ञापन दिया है ।

हिन्दू मुन्नानी के राज्य सचिव टी. मनोहरन ने कहा कि विज्ञापन के अनुसार शिव मंदिर के स्वामित्व वाली ३५ एकड भूमि का मूल्य एक करोड ९८ लाख रुपए निश्चित किया गया है । सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार, ३५ एकड भूमि का मूल्य १०० करोड रुपए होना चाहिए । उन्होंने कहा कि केवल १ करोड ९८ लाख रुपए मूल्य बताना धोखाधडी और लूट है । यह उन भक्तों के साथ विश्वासघात है, जिन्होंने अब तक इस सरकारी मंदिर प्रबंधन समिति के काम का समर्थन किया है, साथ ही इस क्षेत्र में निर्माण करना अवैध और निंदनीय है ।

हिन्दू मुन्नानी ने हिन्दुओं से प्राचीन मंदिर की भूमि को बेचने के सरकार के प्रयास का विरोध करने की अपील की है ।

ट्विटर ट्रेंड के माध्यम से धर्माभिमानी हिन्दुओं का तीव्र विरोध

२९ अक्टूबर की सुबह, धर्माभिमानी हिन्दुओं ने इसके विरुद्ध हैशटैग #TN_Govt_Looting_Temples को ट्रेंड किया । कुछ ही समय में यह ट्रेंड राष्ट्रीय स्तर पर ४थे स्थान पर आ गया और २५००० से अधिक हिंदुओं ने ट्वीट करके इसका विरोध किया ।