पुलिस अधिकारी सलीम खान के आदेश पर बिलासपुर (छत्तीसगढ) में श्री दुर्गादेवी की मूर्ति के विसर्जन फेरी (जुलूस) पर पुलिस का लाठीचार्ज

पुलिस द्वारा डीजे वाहन को नियंत्रण में लेने से भीड ने पुलिस थाने पर पथराव किया

  • पुलिस, जो सदैव हिन्दू धार्मिक फेरियों पर प्रतिबंध लगाती है, अन्य धर्मियों के कार्यक्रमों के समय मौन दर्शक बनकर बैठ जाती है ! जब भीड प्रतिबंधों का विरोध करती है, तो उन्हें लाठियों से पीटा जाता है और यदि अधिकारी कट्टरपंथी है, तो उसे कुछ अधिक ही समझ में आता है ! 
  • कांग्रेस के राज्य में इससे अलग और क्या होगा ? इस घटना का सच बाहर आएगा, इसकी अपेक्षा करना व्यर्थ है !

बिलासपुर (छत्तीसगढ) – २७ अक्तूबर की रात को, जब तेलीपारा दुर्गोत्सव समिति की फेरी शहर के पुलिस थाने के सामने से जा रही थी, डीजे लगाने के कारण पुलिस ने उस वाहन को नियंत्रण में ले लिया । उन्होंने देवी की मूर्ति वाले वाहन को भी रोका । इस संदर्भ में समिति के सदस्यों ने पुलिस से अनुरोध करने का प्रयास किया; किंतु उन लोगों ने किसी की न सुनी । इसके उपरांत वाद-विावाद हुआ एवं कुछ लोग पुलिस थाने पर पथराव करने लगे । परिणामस्वरूप, कलीम खान के नेतृत्व में पुलिस ने भक्तों को लाठियों से पीटा, क्रोधित होकर लोगों ने बडी संख्या में पुलिस के विरुद्ध नारेबाजी आरंभ कर दी । इसके पश्चात पुलिस ने अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर मूर्ति को विसर्जित किया ।

पुलिस निरीक्षक कलीम खान ने कहा, ‘चूंकि भीड थाने में घुस गई थी, इसलिए उन्हें बाहर निकालने के लिए लाठी चार्ज करना पडा । इसका एक वीडियो भी है ।’ पुलिस अधीक्षक उमेश कश्यप ने कहा कि थाने में तोड-फोड करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी ।