क्या जिलाधिकारी हिन्दुओं के संगठनों के शिष्टमंडल का इस प्रकार से स्वागत करेंगे ? – हिन्दुत्वनिष्ठों ने उठाया प्रश्न
नेल्लाई (तमिलनाडू) – कुछ ईसाई पादरी और नन्स यहां की जिलाधिकारी श्रीमती शिल्पा के पास ज्ञापन प्रस्तुत करने गए थे, तब वे उनके स्वागत के लिए खडी रहीं । उनकी इस भूमिका पर प्रश्न उठाए जा रहे हैं । इससे ये प्रश्न उठाए जा रहे हैं कि ‘कल यदि हिन्दू पुजारी अथवा हिन्दुत्वनिष्ठ पुजारी उनसे मिलने गए, तो क्या वे इसी प्रकार उनके स्वागत करने के लिए खडी रहेंगी ?’, ‘कोरोना संकट के काल में लोगों से न मिलनेवाली और किसी भी ज्ञापन को स्वीकार न करनेवाली जिलाधिकारी ने इतने लोगों को अपने कार्यालय में प्रवेश कैसे दिया ?’, ‘सामाजिक दूरी रखे बिना अथवा बिना मास्क आए लोगों से वै कैसे मिलीं ?, ‘केंद्र और राज्य सरकार के आदेश की कार्यवाही करने का दायित्व होते हुए भी जिलाधिकारी उसका उल्लंघन कैसे कर सकती हैं ? ‘क्या स्वयं ईसाई होने के कारण ही कदाचित उन्होंने इस विशेषाधिकार का उपयोग किया है ?’
कुछ महीना पूर्व ईसाईयों ने नेल्लई के अरुलमिगु मनिमूर्तिस्वर मंदिर के सामने एक समाधि बनाई थी । यह भूमि मंदिर के स्वामित्व की है; परंतु २ ईसाई संगठनों ने उस भूमि पर अवैध नियंत्रण स्थापित किया है । उनमें से एक संस्था ने वहां निर्माणकार्य आरंभ किया, तो दूसरी संस्था ने पिछले कुछ दिनों से वहां शवों को दफनाना आरंभ किया है । ऊपर से इन संगठनों ने जिलाधिकारी से यह शिकायत की कि हिन्दुओं द्वारा यहां के कब्रों की तोडफोड करने से उसे हानि पहुंची है । (धूर्त ईसाई ! हिन्दुओं, ऐसे ईसाईयों से सतर्क रहें ! – संपादक)