साधक-रोगियों की चिकित्सा करने हेतु सनातन के आश्रमों में ‘फिजियोथेरपिस्ट’ की आवश्यकता !

     अध्‍यात्‍मप्रसार, साधना के संदर्भ में समाज का मार्गदर्शन, साथ ही जनमानस में हिन्‍दू राष्‍ट्र स्‍थापना के प्रति जागृति लाने के व्‍यापक उद्देश्‍यों से सनातन संस्‍था का कार्य चल रहा है । विविध आयुसमूह के सैकडों साधक पूर्णकालीन सेवातर होकर धर्मकार्य में अपना योगदान दे रहे हैं । कई साधक संगणकीय, साथ ही अन्‍य सेवाआें के कारण एक ही स्‍थान पर अनेक घंटोंतक बैठकर सेवा करते हैं, तो कुछ साधक अपनी क्षमता के परे भी सेवा करते हैं ।

     ‘साधकों की शारीरिक क्षमता बढकर वे स्‍वस्‍थ रहें’; इसके लिए ‘व्‍यायाम’ एक प्रभावशाली माध्‍यम है । इस संबंध में चिकित्‍सकीय सलाह देने हेतु तथा रोगी-साधकों को व्‍यायाम का प्रशिक्षण देकर उनका ‘पुनर्वास’ (rehabilitation) करने हेतु सनातन के रामनाथी और देवद आश्रमों में पूर्णकालीन ‘फिजियोथेरपिस्‍ट’ की आवश्‍यकता है । यह सेवा पूर्णकालीन करना संभव न हो, तो सप्‍ताह में कुछ दिन अथवा दिन में कुछ घंटे इस सेवा में सहभाग लिया जा सकता है ।

     जिन्‍हें फिजियोथेरपी का ज्ञान हैं, ऐसे पाठक, हितचिंतक, धर्मप्रेमी अथवा साधक यह सेवा कर सकते हैं, वे स्‍थानीय साधकों के माध्‍यम से जनपदसेवक को सूचित करें । जनपदसेवक निम्‍नांकित सूची के अनुसार जानकारी भेजें ।