![](https://static.sanatanprabhat.org/wp-content/uploads/sites/4/2020/05/22205245/P_Suresh3_Kulkarni_Hasra_320.jpg)
‘फिल्मजगत में सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या अथवा हत्या का प्रकरण शांत नहीं हो रहा देता । पहले इस प्रकरण में बहुत राजनीति हुई, उसके पश्चात बिहार विरुद्ध महाराष्ट्र प्रांतवाद चला । सुशांत की मित्र रिया चक्रवर्ती के बंगाली होने तथा अगले वर्ष बंगाल में चुनाव होने से ममताबानो ने रिया का पक्ष लेने का प्रयास किया । जहां सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण विभाग) सुशांत सिंह प्रकरण का अन्वेषण कर रहा था, तभी सुशांत की पूर्व सहायिका दिशा सालियन की मृत्यु – ‘हत्या अथवा आत्महत्या ?’, यह प्रकरण भी सामने आया । इसी समय अभिनेत्री कंगना रनौत के कार्यालय को अवैध प्रमाणित कर उसे तोडने का प्रकरण चर्चा में रहा और आजकल हिन्दी फिल्मजगत में अभिनेत्रियों द्वारा चल रहे मादक पदार्थों के सेवन के संदर्भ में अन्वेषण चल रहा है ।
१. फिल्म जगत में मादक पदार्थों का सेवन करना सामान्य होने का तथ्य सामने आना !
मादक पदार्थ सेवन के प्रकरण में आजकल रिया चक्रवर्ती, उसका भाई शोविक चक्रवर्ती और अन्य कुछ लोग बंदी बनाए गए हैं । उनके अन्वेषण में अनेक फिल्मी नायकों का उल्लेख आया । इस अन्वेषण में फिल्मी कलाकारों द्वारा मादक पदार्थ सेवन करने की बात सामने आई । इस प्रकरण में प्रसिद्ध अभिनेत्री दीपिका पादुकोण, श्रद्धा कपूर, सारा अली खान आदि को अन्वेषण विभाग की जांच का सामना करना पड रहा है । इस प्रकरण से फिल्म जगत में मादक पदार्थों का सेवन एक सामान्य घटना होने की विभीषिका सामने आई है ।
२. युवा पीढी को फिल्मी कलाकारों का आदर्श सामने
न रखकर सच्चे राष्ट्रभक्तों का आदर्श सामने रखना चाहिए !
आज की युवा पीढी ऐसे फिल्मी कलाकारों को अपना आदर्श मानती है, यह देश का दुर्भाग्य है । नई पीढी इन कलाकारों की वेशभूषा और केशभूषा का अनुकरण करती है, साथ ही वे जैसा आचरण करते हैं, उस प्रकार आचरण करने का प्रयास करती है । दक्षिण भारतीय अभिनेत्री माधवी लता और अभिनेत्री शर्लिन चोपडा ने बताया कि फिल्मी कलाकारों की पार्टियों में मादक पदार्थों का सेवन करना सामान्य समीकरण बन गया है । जब यह बात कंगना रनौत बता रही थी, तब उसकी ओर गंभीरता से नहीं देखा गया । अब शर्लिन चोपडा वही बता रही है । उसने यहां तक कहा, ‘धर्मांध शाहरूख खान के ‘कोलकाता नाइट राइडर्स’ क्रिकेट टीम (आईपीएल की एक टीम) की एक पार्टी हुई । इस पार्टी में मादक पदार्थों का प्रचुर मात्रा में सेवन किया गया । कुछ वर्ष पूर्व शाहरूख खान ने कोलकाता के मैदान में किस प्रकार उद्दंडतापूर्ण आचरण किया था, यह बात सभी को ज्ञात होगी ।’ आज अनेक फिल्मी कलाकारों के मुंह से यही बात सामने आने पर उसकी व्यापकता ध्यान में आ रही है ।
३. पंजाब के युवकों के मादक पदार्थों का सेवन करने से
सेना की शारीरिक परीक्षा में उनका अपात्र प्रमाणित होना
पाठकों को इस बात का स्मरण होगा कि कुछ वर्ष पूर्व ‘उडता पंजाब’ नाम की फिल्म आई थी, उसमें पंजाब में मादक पदार्थों का सेवन एक बडी समस्या होने की कडवी सच्चाई सामने आई । भारत के शत्रु राष्ट्र पाकिस्तान ने अपनी कूटनीति के रूप में उससे सटे भारत के राज्य पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तरांचल के युवकों को मादक पदार्थों का सेवन करने की आदत लगाई । मुसलमान बहुसंख्यक पाकिस्तान को यह ज्ञात है कि भारतीय सेना में इन राज्यों के युवक सेवारत हैं, साथ ही वे पराक्रमी भी हैं । ऐसे शूर युवकों को व्यसनाधीन बनाया, तो उससे भारत की सैन्य क्षमता क्षीण तथा दुर्बल होगी ।
दुर्भाग्यवश पाकिस्तान इसमें कुछ मात्रा तक सफल रहा । पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में चल रहे एक अभियोग में यह बात सामने आई कि पंजाब के युवक मादक पदार्थों का सेवन करते हैं अथवा वे उनके अधीन हो चुके हैं; इसलिए वे सेना भर्ती की शारीरिक परीक्षा में अपात्र प्रमाणित हो रहे हैं । न्यायालय ने इसका संज्ञान भी लिया ।
४. भारत के उज्वल भविष्य के लिए मादक पदार्थों के सेवन के विरुद्ध कठोर कार्यवाही आवश्यक !
आज हम गर्व से बताते हैं कि ‘वर्ष २०३० में भारत महासत्ता बनेगा; क्योंकि तब हमारे देश की कुल जनसंख्या में से ६५ प्रतिशत जनसंख्या युवकों की होगी, जिनकी आयु ३५ वर्ष से भी अल्प है ।‘ ऐसे युवक यदि व्यसनाधीन होंगे, तो क्या उनके बल पर भारत महासत्ता बनेगा ?, इस पर विचार करने का समय आ गया है । अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसका संज्ञान लिया गया और इसलिए भारत को ऐसे अंतरराष्ट्रीय तंत्र को सहयोग देना चाहिए । नॉर्कोटिक कंट्रोल ब्युरो (एनसीबी), पुलिस विभाग, राजस्व विभाग, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक सबस्टेंस (एसीटी) इन सभी विभागों को एकत्रित रूप से कार्य करना आवश्यक है । ऐसा होने से ही मादक पदार्थों के सेवन पर रोक लगाना संभव होगा । इसके लिए इन विभागों को अन्वेषण में खुली छूट दी जानी चाहिए । भारतीय नागरिकों को यदि ऐसा लगता है कि ‘पुलिस हिरासत में रिया चक्रवर्ती अकेली ना पडे और इसके लिए उक्त उल्लेखित उसकी सहेलियों को भी हिरासत में डाल दिया जाए’, तो यह अनुचित नहीं है । इस कृत्य पर कठोरता से प्रहार किया गया, तभी जाकर हमारी अगली पीढी, जिनके कंधों पर भारत का भविष्य निर्भर है, वह व्यसनमुक्त और आदर्श बनेगी और वास्तव में भारत महासत्ता बनेगा !
श्रीकृष्णार्पणमस्तु !’
– (पू.) अधिवक्ता सुरेश कुलकर्णी, संस्थापक सदस्य, हिन्दू विधिज्ञ परिषद एवं अधिवक्ता, मुंबई उच्च न्यायालय.