लव जिहाद : एक जागतिक षड्यंत्र !
‘इस्लाम में ‘जिहाद’ शब्द पवित्र माना जाता है; परंतु वर्तमान में संसार में जिहाद के नाम पर जो आतंकवाद, निर्दोष नागरिकों की हत्याएं और आर्थिक हानि हो रही है, वह देखकर उस पर विश्वास करना कठिन है । आतंकवादियों का जिहाद स्पष्ट रूप से दिखाई देता है । उनसे लडने के लिए हमारी सेना और सरकार सक्षम है; परंतु प्रेम जैसी शुद्ध भावना का उपयोग कर लव जिहाद करने से उसकी वास्तविकता समझना भोले भाले हिन्दू समाज के लिए कठिन हो बैठा है । एक बार यदि यह मान्य कर भी लें कि उनका प्रेम खरा है, तो हिन्दू लडकियों को बताने के लिए हिन्दू नाम धारण करना और हाथ में लाल धागा बांधना आदि कृत्य किसलिए ? क्या उन्हें उनके इस्लाम पर विश्वास नहीं है ? इससे भी आगे जाकर हिन्दू युवती को ही इस्लाम स्वीकारने को बाध्य क्यों किया जाता है ? कोई भी मुसलमान युवक उसके प्रेम के लिए हिन्दू धर्म का स्वीकार क्यों नहीं करता ?
१. हिन्दू भगिनियों का लव जिहाद में फंसने का कारण
संसार पर इस्लामी सत्ता स्थापित करना अर्थात संपूर्ण संसार को ‘दार-उल-इस्लाम’ बनाना इस्लाम का स्वप्न है ! इसके लिए जिहाद की किसी भी सीमा तक जाने के लिए वे तैयार हैं तथा मौलवियों द्वारा उन्हें स्वप्न भी दिखाया जाता है कि उन्हें जन्नत में हूरें मिलेंगी । इसमें लव जिहाद सर्वाधिक सरल पद्धति है । हिन्दू भगिनियों को युवा अवस्था में प्रेमजाल में फंसाना कठिन नहीं होता; क्योंकि उनके माता-पिता पहले ही धर्मनिरपेक्ष बन चुके होते हैं । वे ‘गंगा-जमुनी तहजीब’ और ‘सर्वधर्मसमभाव’ आदि झूठी अवधारणाएं घर में बताते रहते हैं ।
हिन्दू घरों में धर्माचरण की पद्धति का विस्मरण हो गया है । पाश्चात्य आधुनिकतावादी परंपराआें के हम दास (गुलाम) बन गए हैं । जन्मदिन पर केक काटना, नया वर्ष ३१ दिसंबर की रात को मनाना आदि कृत्यों के माध्यम से ईसाई पद्धति के अनुसार आचरण करना हिन्दुआें को अनुचित नहीं लगता । इसके अतिरिक्त इस्लाम के खरे इतिहास से हम अनभिज्ञ हैं । इसलिए वे इसी धर्मनिरपेक्ष विचारधारा के अनुसार विचार करते हैं और ठगे जाते हैं । इसमें हिन्दी चलचित्र-सृष्टि (फिल्मी जगत) का भी बडा प्रभाव है । जितने भी ‘खान’ अभिनेता हैं, उन सभी की पत्नियां हिन्दू हैं । इस कारण भी सामान्य हिन्दू परिवार की लडकियां फंस जाती हैं । हिन्दू भगिनियों को सावधान करने पर उनका कहना होता है कि ‘मेरा प्रेमी अन्य मुसलमानों से अलग है’; परंतु कुछ महीनों में ही उनका खरा परिचय सामने आता है और बेचारी दु:खी हो जाती हैं । उसके पश्चात उन्हें जीवन में पश्चाताप करने के अतिरिक्त अन्य कोई विकल्प नहीं रह जाता ।
२. लव जिहाद के पीछे का एक कारण – अनुवांशिक रोगों से मुसलमान लडकों को बचाना
लव जिहाद के जिन विविध कारणों की चर्चा होती है, उसमें चर्चा में न आनेवाला; परंतु एक महत्त्वपूर्ण कारण है, ‘कॉन्सेंग्युनियस निकाह’ (‘परिवार के व्यक्तियों के साथ निकाह’) । इस कारण मुसलमान लडकों को होनेवाले अनुवांशिक रोगों से उन्हें बचाना । ‘दार-उल-इस्लाम’ का स्वप्न साकार करने के लिए मुसलमानों को उनकी जनसंख्या शीघ्र गति से बढानी है । इसलिए मुसलमान परिवारों में ‘कॉन्सेंग्युनियस निकाह’ अर्थात चचेरी और मौसेरी बहनों से विवाह करने की प्रथा प्रारंभ हुई । परिणामस्वरूप उनके बच्चे अनुवांशिक रोगों से ग्रस्त हो रहे हैं ।
ब्रिटेन में किए गए एक अध्ययन से सामने आया है कि ब्रेडफोर्ड में मूल पाकिस्तानी लोगों का एक बडा क्षेत्र है । इस स्थान पर १७ प्रतिशत पाकिस्तानी मुसलमान हैं । इनमें से ७५ प्रतिशत मुसलमान उन्हीं के समाज के अर्थात चचेरी बहनें-भाई, ममेरी बहनें-भाइयों से निकाह (विवाह) करते हैं । यहां उनके बच्चों में अनेक प्रकार के अनुवांशिक रोग दिखाई दे रहे हैं । उसके पश्चात कुल अध्ययन में सामने आया है कि ब्रिटेन में अनुवांशिक रोगों से पीडित बच्चों में १३ प्रतिशत बच्चे मूल पाकिस्तानी हैं । वहां के २०० परिवारों का अध्ययन करने के उपरांत उनमें से ९७ परिवार के बच्चे अनुवांशिक रोग से पीडित दिखाई दिए । इसी प्रकार का निरीक्षण इस्लामी देशों में भी किया गया । वहां भी इसी प्रकार का निष्कर्ष आया है । वर्तमान में मुसलमान जनसंख्या शीघ्रता से बढ रही है; परंतु उनके बच्चे अनुवांशिक रोगों से पीडित हैं । इसलिए उनका ‘लक्ष्य’ साध्य नहीं हो पाता । दूसरी ओर भारत में हिन्दू ऋषि-मुनियों ने पहले ही एक गोत्र और परिवार में विवाह करना निषेध बताया है । इसलिए हिन्दू बच्चों में इस प्रकार के दोष दिखाई नहीं देते । ‘हिन्दू युवतियों से विवाह करने के पश्चात इस प्रकार की आपत्तियों से बचा जा सकता है और मुसलमान वंश सुरक्षित रह सकता है’, यह भी अन्य धर्मीय युवतियों से लव जिहाद करने के पीछे का एक कारण है ।
३. लव जिहाद के कारण होनेवाली हानि – हिन्दू संस्कारों की ‘जीन बैंक’ नष्ट होना
भारत में गत ६०० वर्षों के इस्लामी आक्रमण में हमने मंदिर और संपत्ति खो दी । इसी अवधि में अनेकों को बलपूर्वक मुसलमान बनाया गया और हिन्दू स्त्रियों को गुलाम बनकर मुसलमान राष्ट्रों में बेचा गया । इसमें भी कुछ हिन्दू राजाआें ने उनके पराक्रम का परिचय देते हुए उनके राज्य की हिन्दू प्रजा की रक्षा की । उसके पश्चात हिन्दू धर्म की संस्कारशील परंपरा का वहन हमारी वंशवृद्धि के माध्यम से चल रहा है । ऐसी स्थिति में हमारी एक हिन्दू भगिनी का मुसलमान से निकाह करना अर्थात उसके संस्कारी हिन्दू वंश उत्पन्न करने की क्षमता का नाश होकर उसके द्वारा इस्लामी वंश का प्रारंभ करना है । आमिर खान स्वयं को बडा आधुनिक धर्मनिरपेक्ष अभिनेता दर्शाता है; परंतु उसने भी उसके एक संवाद में स्पष्ट रूप से बताया है कि ‘मेरी पत्नी हिन्दू हो सकती है; परंतु मेरे बच्चे मुसलमान ही होंगे !’ इससे स्पष्ट होेता है कि हिन्दू युवतियों के लव जिहाद में फंसकर निकाह करने से हिन्दुआें की संस्कारी ‘जीन बैंक’ नष्ट हो रही है ।
४. लंदन से लव जिहाद का प्रारंभ
२९ सितंबर २००९ को लंडन के पुलिस आयुक्त सर इयान ब्लेयर ने संसार में सर्वप्रथम कुछ परिवारों को सतर्क किया था कि वहां के मुसलमान समाज के युवक षड्यंत्रपूर्वक हिन्दू, सिख और ईसाई युवतियों को उनके प्रेमजाल में फंसाने का काम कर रहे हैं । इनमें से कुछ युवतियों को पाकिस्तान ले गए हैं और वहां उनका क्या हुआ है, यह किसी को पता नहीं है । उस अवधि में लव जिहाद को ‘रोमियो जिहाद’ कहा जाता था । पाकिस्तान जैसे मुसलमान देश में प्रतिदिन अवयस्क हिन्दू लडकियों का उनके घर से अपहरण किया जाता है तथा बलपूर्वक उनका धर्मांतरण किया जाता है; परंतु जहां वे अल्पसंख्यक हैं, ऐसे देशों में ऐसा करना कठिन है । इसलिए वहां प्रेम के जाल में फंसाकर जिहाद हो रहा है ।
५. लव जिहाद का आतंकवाद से संबंध
वर्ष २०१४ में निर्वाचन के प्रचार के समय पटना (बिहार) में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में बमविस्फोट हुआ था । इस विस्फोट के लिए लगनेवाली आर्थिक सहायता कर्नाटक स्थित मंगलूरु की आएशा बानो के नाम से की गई थी । उसका वास्तविक नाम ‘आशा’ है । साधारण घर की इस हिन्दू लडकी को प्रेमजाल में फंसाकर प्रथम उसका धर्मांतरण किया गया । उसके पश्चात उसके नाम से विविध अधिकोषों में ३० खाते खोले गए । ये खाते खोलते समय उसके केवल हस्ताक्षर लिए गए । उसके पश्चात इन खातों के ‘एटीएम’ डेबिट कार्ड आतंकवादी कार्रवाइयों में सम्मिलित मुसलमान युवकों को वितरित किए गए । जिस संबंध में वह कुछ नहीं जानती थी । तत्पश्चात विस्फोट करनेवाले आतंकवादियों के लिए उन खातों में पाकिस्तान और सऊदी अरेबिया से लगभग ५ करोड रुपए जमा किए गए । ये पैसे दूसरे शहरों में एटीएम कार्ड के माध्यम से निकाले जा रहे थे । बम विस्फोट के पश्चात कुछ आतंकवादियों को पुलिस ने पकडा तथा कुछ आतंकवादियों ने पलायन किया । निर्दोष आएशा आतंकवादियों को आर्थिक सहायता करने के आरोप में कारागृह में बंद है । इसी प्रकार केरल के कुछ युवक और युवतियां लव जिहाद के कारण धर्मांतरण कर मुसलमान बन गए । तत्पश्चात वे ‘आईएसआई’ के खिलाफत युद्ध में सम्मिलित होने के लिए सीरिया और अफगानिस्तान में भाग गए ।
६. बांग्लादेशी युवकों का व्यापार के नाम से लव जिहाद !
असम के विधायक शिलादित्य देव ने आरोप लगाया है कि ‘बांग्लादेशी युवक असम में व्यापार के उद्देश्य से आते हैं और स्थानीय युवतियों को प्रेमजाल में फंसाकर बांग्लादेश में ले जाते हैं । करीमजंगम की मौसुमी दास नामक हिन्दू युवती पासपोर्ट (पारपत्र) और वीसा न होते हुए भी बांग्लादेशी लव जिहादी के साथ बांग्लादेश में भाग गई । तत्पश्चात वहां से उसने बुरखा पहना तथा उस युवक के दबाव में आकर इस्लाम स्वीकारने की श्रव्यमुद्रिका भेजी । प्रश्न यह है कि पासपोर्ट और वीसा न होते हुए उसे बांग्लादेश में प्रवेश कैसे मिला ?
७. म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानों की समस्या के पीछे भी लव जिहाद !
लव जिहाद किसी न किसी स्वरूप में संपूर्ण संसार में देखने को मिल रहा है । म्यांमार के बौद्ध नेता अशीन विराथू का आरोप है कि ‘मुसलमान युवक बौद्धों की लडकियों को प्रेमजाल में फंसाकर विवाह करते थे और अधिक बच्चों को जन्म देकर जनसंख्या का संतुलन बिगाड रहे थे ।’ बौद्ध समाज को संपूर्ण संसार में सर्वाधिक अहिंसक और शांत स्वभाव का माना जाता है; परंतु यही समाज म्यांमार में विराथू के नेतृत्व में रोहिंग्या मुसलमानों के विरुद्ध हिंसक आक्रमण कर रहा है । यूरोप में भी कट्टर ईसाई संगठन मुसलमानों पर इसी प्रकार का आरोप लगा रहे हैं ।
८. लव जिहाद के माध्यम से आतंकवाद का प्रचार हो रहा है, ऐसा कैथोलिक चर्च का आरोप
‘केरल राज्य की ईसाई महिलाआें को बडी संख्या में फंसाकर इस्लामिक स्टेट और आतंकवादी कार्रवाइयों में ढकेला जा रहा है’, ऐसा दावा कैथोलिक चर्च ने किया है । कार्डिनल जॉर्ज ऐलनचैरी पादरियों की एक संस्था के अध्यक्ष हैं । इस संस्था ने केरल सरकार पर आरोप लगाया है कि ‘वे लव जिहाद के प्रकरणों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं ।’ सिरो-मालाबार चर्च ने उनके वक्तव्य में कहा है कि केरल में लव जिहाद के नाम पर ईसाई युवतियों को मार डालने के अनेक प्रकरण सामने आए हैं । केरल में लव जिहाद के लिए योजना बनाकर ईसाई युवतियों को लक्ष्य किया जा रहा है । पादरियों की धर्मसभा ने पुलिस प्रविष्टी का उदाहरण देकर बताया कि ‘जिन २१ लोगों को ‘आईएएस’ में भरती किया गया था, उनमें से आधे धर्मांतरित ईसाई थे । इस घटना से संपूर्ण समाज की आंखें खुलनी चाहिए । यह भी पता चला है कि लव जिहाद के माध्यम से अनेक लडकियों का उपयोग आतंकवादी कार्रवाइयों में किया जा रहा है । यह एक गंभीर प्रकरण है । इसलिए लव जिहाद काल्पनिक नहीं है ।’ चर्च ने लव जिहाद में सम्मिलित दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग की है । इसमें माता-पिता को उनके बच्चों को लव जिहाद के संबंध में सतर्क करने का भी आवाहन किया है ।
९. हिन्दू भगिनियों को जागृत करना और उन्हें बचाना हमारा कर्तव्य !
एक समय था, जब रानी पद्मिनी, रानी लक्ष्मीबाई, रानी दुर्गावती, महारानी ताराबाई आदि हिन्दू वीरांगनाआें ने अपने पराक्रम से विदेशी आक्रमणकारियों से लडना और धर्मांतरण करने की अपेक्षा बलिदान करना स्वीकारा था । आज उनकी ही अगली पीढी अज्ञानवश स्वयं ही आक्रमणकारियों के प्रेमजाल में फंसकर स्वयं का जीवन ध्वस्त कर रही हैं । इन भगिनियों को जागृत करना और उन्हें बचाना हमारा कर्तव्य है ।’
– श्री. रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति