‘दि प्लेसेस ऑफ वर्शिप ऍक्ट १९९१’ निरस्त करें !
एक मुसलमान व्यक्ति इस प्रकार मी मांग करता है; परंतु क्या देश के एक भी हिन्दू जनप्रतिनिधि अथवा केंद्र और राज्य सरकारों के एक भी हिन्दू मंत्री ने ऐसी मांग की है ? हिन्दुओं की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर पुनः प्राप्त करने के लिए कुछ भी न करनेवाले ऐसे जनप्रतिनिधियों को चुननेवाले हिन्दुओं के लिए यह लज्जाजनक !
लक्ष्मणपुरी (उत्तरप्रदेश) – शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के भूतपूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि, ‘दि प्लेसेस ऑफ वर्शिप ऍक्ट १९९१’ समाप्त किया जाए । इसी प्रकार उन्होंने यह मांग भी की है कि, मुगलों द्वारा तोडे गए मंदिरों के स्थान पर जो मस्जिदें बनाई गई हैं, उन्हें तोडकर वहां के मंदिरों को उनकी पूर्वस्थिति में लाने के लिए प्रयास किए जाएं ।
इस पत्र में रिजवी ने लिखा है कि, ‘दि प्लेसस ऑफ वर्शिप ऍक्ट १९९१’ यह कानून कांग्रेस के समय जानबूझकर बनाया गया था; क्योंकि उसके कारण देश में मंदिर और मस्जिद का विवाद निरंतर चलता रहे । इसलिए यह कानून स्थायी रूप से निरस्त करने से मंदिर और मस्जिद विवाद भी समाप्त हो जाएगा ।
Hinduphobia makes Kamala Harris’ identity a liability. So she is ‘Black’ in US media
Makarand R. Paranjape @MakrandParanspe writes in his series #BeingIndian for ThePrinthttps://t.co/lBetLmoB6Y
— ThePrintIndia (@ThePrintIndia) August 12, 2020
वसीम रिज़वी का लिखा पत्र – (पढ़ने के लिए चित्र पर क्लिक करें)
मुगलों ने ९ मंदिर तोडकर बनाई हुई मस्जिदें
रिजवी ने इस पत्र में ९ मंदिरों की जानकारी दी है, जिन पर मुगलों द्वारा मस्जिदें बनाई गई हैं । उनमें केशव देव मंदिर, मथुरा; अटाला देव मंदिर, जौनपुर; काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी; रुद्र महालय मंदिर, गुजरात; भद्रकाली मंदिर, गुजरात; मंदिर तोडकर बनाई गई अदीना मस्जिद, बंगाल; विजया मंदिर, विदिशा, मध्यप्रदेश और मंदिर तोडकर बनाई गई मस्जिद कुवतुल इस्लाम कुतुब मीनार का समावेश है ।