मोतिहारी (बिहार) में धर्मांध बहुसंख्यक क्षेत्र में धर्मांधों द्वारा विश्वकर्मा मूर्ति की शोभायात्रा पर किए गए आक्रमण में अनेक हिन्दू घायल

पुलिस द्वारा पहले धर्मांधों के विरुद्ध अपराध प्रविष्ट करने के लिए टालमटोल और उसके पश्चात हिन्दुओं के विरुद्ध भी अपराध प्रविष्ट

  • बिहार में जनता दल (संयुक्त) के साथ भाजपा के सत्ता में होते के समय ऐसी घटनाएं होना हिन्दुओं को अपेक्षित नहीं हैं !
  • धर्मांध बहुसंख्यक क्षेत्र में हिन्दुओं की धार्मिक शोभायात्राओं पर आक्रमण क्यों होते हैं ? कोई उन्हें धर्मनिरपेक्षता क्यों नहीं सिखाता ? अथवा धर्मनिरपेक्षता की शिक्षा केवल हिन्दुओं के लिए ही है ?
  • हिन्दुओं की कोई चूक न होते हुए भी उनके विरुद्ध बिहार सरकार किसे संतुष्ट कर रही है ? क्या यह कानून का राज्य है ?

मोतिहारी (बिहार) – यहां के तारनिया गांव में १८ सितंबर को धर्मांध बहुसंख्यक क्षेत्र में विश्वकर्मा मूर्ति की विसर्जन शोभायात्रा जा रही थी, तब धर्मांधों के १०-१५ लोगों की भीड ने लाठी और बांस से हिन्दुओं पर आक्रमण किया और विश्वकर्मा मूर्ति को क्षति पहुंची, साथ ही इसमें अनेक हिन्दू घायल भी हुए ।

१. बजरंग दल के चाटिया उपमंडल के अध्यक्ष गोलू खेलानी ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि दोपहर लगभग ४ बजे कुछ हिन्दू युवक विश्वकर्मा मूर्ति की शोभायात्रा कर विसर्जन करनेवाले थे । जब यह शोभायात्रा धर्मांधों के वर्चस्ववाले क्षेत्र में पहुंची, तब मूर्ति लेकर जानेवाले वाहनचालक ने इस क्षेत्र से जाना अस्वीकार किया था; परंतु तब भी शोभायात्रा को आगे ले जानेपर धर्मांधों ने उस पर आक्रमण किया ।

(सौजन्य: ओ पी इंडिया)

२. गोलू खेलानी ने आगे कहा कि जब उन्होंने शिकायत करने के लिए पुलिसकर्मियों से संपर्क किया, तब पुलिस पहले तो धर्मांधों के विरुद्ध अपराध प्रविष्ट करने के लिए तैयार नहीं थे ।इस प्रकरण में पुलिसकर्मियों को इसमें हिन्दुओं की कोई भी चूक न होने की जानकारी देकर भी उन्होंने हिन्दू और धर्मांध इन दोनों गुटों के विरुद्ध अपराध प्रविष्ट किया ।