हिन्‍दू धर्म की रक्षा हेतु समर्पित जीवन जीनेवाली और निर्भीकता से सत्‍य कथन करनेवाली चेन्‍नई की उमा आनंदन् (आयु ६५ वर्ष) ६३ प्रतिशत आध्‍यात्मिक स्‍तर प्राप्‍त कर जन्‍म-मृत्‍यु के चक्र से हुईं मुक्‍त !

उमा आनंदन्

चेन्‍नई (तमिलनाडु) – १०.८.२०२० को ‘ऑनलाइन’ नवम ‘अखिल भारतीय हिन्‍दू राष्‍ट्र अधिवेशन’ में तमिलनाडु के हिन्‍दू कार्यकर्ताआें ने परिचर्चा में भाग लिया । इस परिचर्चा में हिन्‍दू मक्‍कल कच्‍छी के श्री. अर्जुन संपथ, टेम्‍पल वरशिपर्स सोसाइटी की उपाध्‍यक्षा उमा आनंदन् एवं श्रीमती अर्चना, आरटीआई कार्यकर्ता श्री. श्रीकुमार, अधिवक्‍ता पला संतोष, हिन्‍दू यूथ फोरम और हिन्‍दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ता उपस्‍थित थे । इस परिचर्चा के अंत में श्री. श्रीराम लुकतुके ने उमा आनंदन् में विद्यमान दैवी गुणों से सभी को परिचय करवाया । तत्‍पश्‍चात सनातन की संत पू. (श्रीमती) उमा रविचंद्रन् ने श्रीमती उमा आनंदन् द्वारा ६३ प्रतिशत आध्‍यात्मिक स्‍तर प्राप्‍त करने का शुभ समाचार दिया । इस घोषणा के पश्‍चात सहभागी सभी हिन्‍दुत्‍वनिष्‍ठ कार्यकर्ता बहुत आनंदित हुए ।
श्री. अर्जुन संपथ ने कहा, ‘‘उमा आनंदन् आज जो कार्य कर रही हैं, आध्‍यात्मिक सामर्थ्‍य के बिना उसे करना कठिन है ।’’
परात्‍पर गुरु डॉ. आठवलेजी के चरणों में कृतज्ञता व्‍यक्‍त करते हुए उमा आनंदन् ने बताया कि ‘हिन्‍दुत्‍व के इस कार्य में विलंब से सहभाग लेने के कारण मुझे सदैव दुःख प्रतीत होता है । मुझे प्राप्‍त सम्‍मान के लिए मेरी योग्‍यता है अथवा नहीं, यह मुझे ज्ञात नहीं; परंतु इससे कार्य करने में मुझे और उत्‍साह प्रतीत होगा ।’ १२ अगस्‍त को पू. (श्रीमती) उमा रविचंद्रन्‌जी एवं श्री. बालाजी कोल्ला ने उमा आनंदन् के निवास पर जाकर उन्‍हें भगवान श्रीराम की प्रतिमा और सनातन का अंग्रेजी भाषा का ग्रंथ ‘हिन्‍दू राष्‍ट्र क्‍यों आवश्‍यक ?’ भेंट देकर सम्‍मानित किया । इस अवसर पर उमा आनंदन् ने गोवा के सनातन आश्रम में जाने की इच्‍छा व्‍यक्‍त की ।