पीएफआई और एसडीपीआई संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग

ट्विटर पर #BanPFI_StopRiots ट्रेंड तीसरे स्थान पर

  • मूलरूप से राष्ट्रप्रेमियों को ऐसी मांग करनी नहीं पडे, अपितु सरकार को स्वयं ही ऐसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए !
  • हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग करनेवाले धर्मनिरपेक्षतावादी, आधुनिकतावादी, राजनीतिक दल और संगठन कभी भी ऐसे राष्ट्रविरोधी संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग नहीं करते, इसे ध्यान में लें !

मुंबई – ११ अगस्त को बेंगलुरू में धर्मांधों द्वारा किए गए दंगे की जांच में इस दंगे के पीछे ‘पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) तथा उसकी राजनीतिक शाखा ‘सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी ऑफ इंडिया’ (एसडीपीआई) राजनीतिक दल के सहभाग होने की बात सामने आई है । कर्नाटक के मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने भी कहा है कि राजनीतिक दल ‘एसडीपीआई राष्ट्रविरोधी है और हम उस पर प्रतिबंध लगाने का विचार कर रहे हैं । इस पृष्ठभूमि पर राष्ट्रप्रेमियों से इन दोनों संगठनों को प्रतिबंधित करने की मांग की जा रही है । उसके लिए ट्विटर पर ‘#BanPFI_StopRiots’ हैशटैग ट्रेंड किया गया । इस पर ३० सहस्र से भी अधिक राष्ट्रप्रेमियों ने ट्वीट कर प्रतिबंध लगाने की मांग की ।

हिन्दू जनजागृति समिति ने भी अपने संकेतस्थल पर इन संगठनों को प्रतिबंधित करने हेतु हस्ताक्षर अभियान आरंभ किया है । उक्त ट्रेंड में समिति ने अधिकाधिक संख्या में हस्ताक्षर करने का आवाहन किया है ।

राष्ट्रप्रेमियों में से कुछ लोगों के किए हुए ट्विट्स

१. एक राष्ट्रप्रेमी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘जिस समय सीमी पर प्रतिबंध लगाया गया, उसी समय पीएफआई पर भी प्रतिबंध लगा देना चाहिए था । इन दोनों संगठनों की कार्यपद्धति एक ही है । यह संगठन गुप्तरूप से देश तोडने का षड्यंत्र रच रहा है । अतः उस पर तत्काल प्रतिबंध लगाना चाहिए ।

२. अन्य एक राष्ट्रप्रेमी ने कहा, ‘१०७ राजनीतिक हत्याएं, ८७ दंगे, घृणा उत्पन्न करने का अभियान, आतंकी गतिविधियों का प्रशिक्षण, अपहरण के प्रकरण, लव जिहाद, आर्थिक घोटाले आदि गंभीर अपराध करनेवाले इस संगठन पर अभीतक प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया गया है ?’