शत्रु राष्ट्र के पैसों से क्रिकेट की स्पर्धा रखनेवाले ‘भारतीय क्रिकेट नियामक मंडल’को देशहित से कुछ लेना-देना नहीं है क्या? ऐसे राष्ट्राभिमानशून्य संगठन को सरकार विसर्जित ही कर दे !
देहली – ‘भारतीय क्रिकेट नियामक मंडल’ ने ‘आइ.पी.ए.ल.’ क्रिकेट स्पर्धाआें को प्रायोजित करने के लिए पुन: चीनी संस्थाआें को ठेका देने का निर्णय लिया है । यह निर्णय शहीद भारतीय सैनिकों के बलिदान का घोर अपमान है । अब तो लोगों को ही मिलकर ‘आइ.पी.ए.ल.’ स्पर्धा का बहिष्कार करना चाहिए, ऐसा आवाहन स्वदेशी जागरण मंच के सहसंयोजक अश्वनी महाजन ने किया ।
उन्होंने आगे कहा, ‘‘बाजारपेठ में चीनी वर्चस्व से भारत की अर्थव्यवस्था को मुक्त कराने हेतु सभी देशवासी अति उत्साह से प्रयत्नशील हैं । ऐसे में ‘आइ.पी.एल.’ नियामक परिषद चीनी कंपनियों को प्रायोजक के रूप में बनाए रखने का ठेका देने का निर्णय देश की मनोभूमिका पर दाग लगानेवाला है । अत: चीनी कंपनियों को स्पर्धा के प्रायोजन का ठेका देने के निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए ।’’