तपन घोषजी के हिन्दुत्व के कार्य को प्रभावी रूप से आगे ले जाने का निश्चय !
फोंडा (गोवा) – बंगाल के प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ नेता और ‘हिन्दू संहति’ संगठन के संस्थापक तथा ‘सिंह वाहिनी’ के संस्थापक अध्यक्ष श्री. तपन घोष (आयु ६७ वर्ष) का १२ जुलाई को कोरोना के संक्रमण से निधन हो गया । संघर्षशील नेता तपन घोष बंगाल के हिन्दुओं के बहुत बडे आधार थे । सनातन संस्था व हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा १६ जुलाई को तपन घोष को श्रद्धांजलि देने हेतु ऑनलाइन सभा का आयोजन किया गया ।
इस सभा में सहभागी पूरे देश के हिन्दुत्वनिष्ठ नेताआें ने तपनजी की स्मृतियां और गुणविशेषताआें का स्मरण करते हुए उनके द्वारा किए गए हिन्दुत्व, हिन्दूरक्षा एवं हिन्दू-संगठन के कार्य को प्रभावी रूप से आगे ले जाने का निश्चय किया ।
तपन घोष हिन्दुत्वनिष्ठों के प्रेरणास्रोत !
– सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति
‘हिन्दुत्व के लिए संपूर्ण जीवन समर्पित करनेवाले तपन घोष हिन्दुत्वनिष्ठों के लिए प्रेरणास्रोत थे । उन्होंने धर्म के लिए समर्पण भाव से कार्य करनेवाले अनेक हिन्दुत्वनिष्ठ निर्माण किए ।’ वे अव्यक्त अध्यात्मवादी थे । धर्म एवं राष्ट्र कार्य ही उनकी पूजा थी । वे हिन्दुत्व की समस्याआें के मूल को अचूकता से समझते थे । उनका वक्तृत्व अध्ययनपूर्ण था । उनके आकस्मिक निधन से हिन्दुत्व के कार्य की अपूर्णनीय क्षति हुई है ।
सनातन धर्मसंस्कृति को अक्षुण्ण रखने हेतु तपन घोष द्वारा किया
क्षात्रतेज का जागरण अविस्मरणीय ! – पू. डॉ. शिवनारायण सेनजी, शास्त्र धर्मप्रचार सभा, बंगाल
तपन घोष ने श्री भवानीमाता की कृपा से अधर्म, अन्याय एवं अत्याचार के विरुद्ध समस्त हिन्दुआें को संगठित कर उन्हें सत्य के पथ पर ले जाने का कार्य किया । उनके द्वारा सनातन धर्मसंस्कृति को अक्षुण्ण रखने हेतु की गई क्षात्रतेज की जागृति अविस्मरणीय है ।
भारतमाता की सेवा करने के लिए मुझे बार-बार जन्म मिले ! – स्व. तपन घोष के अंतिम शब्द चिकित्सालय में डॉक्टरों तथा कर्मचारियों ने बहुत प्रयास किए; परंतु ईश्वर तथा कालीमाता की इच्छा कुछ अलग होगी । इसलिए मैं अब स्वामी विवेकानंद, परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी, गुरुजी, श्री. के.एन. गोविंदाचार्य तथा माता-पिता के चरणों में वंदन कर आशीर्वाद लेकर यह पृथ्वी छोडकर जाना चाहता हूं । मुझे मृत्यु का भय नहीं है । भारतमाता की सेवा करने के लिए मुझे बार-बार जन्म लेने की इच्छा है । |
तपन घोष का हिन्दुत्व का कार्य प्रेरणादायक ! – प्रमोद मुतालिक, संस्थापक अध्यक्ष, श्रीराम सेना, कर्नाटक
बंगाल की हिन्दू विरोधी परिस्थितियों में तपन घोष द्वारा किया हिन्दू-संगठन का कार्य प्रेरणादायक है । उनका अध्ययन गहन था । उनके कार्य और विचार सदैव हिन्दुत्वनिष्ठों के लिए दिशादर्शक होंगे ।
तपन घोष ने बंगाल के प्रतिकूल वातावरण में हिन्दुत्व की ध्वजा फहराई ! – टी. राजासिंह, विधायक, भाजपा, तेलंगाना
तपन घोष ने बंगाल में हिन्दुत्व के लिए प्रतिकूल वातावरण होते हुए भी वहां हिन्दुत्व की ध्वजा फहराई । उनके हिन्दुत्व के कार्य को आगे ले जाना अब धर्मप्रेमियों का दायित्व है ।
परधर्म से हिन्दू धर्म में आने के लिए इच्छुक युवतियों के आश्रयदाता ! – डॉ. नील माधव दास, संस्थापक, ‘तरुण हिन्दू’, धनबाद (झारखंड)
तपन घोष परधर्म से हिन्दू धर्म में आने की इच्छुक युवतियों को आश्रय देते थे । ब्रिटेन की संसद ने भी हिन्दू लडकियों के अपहरण के विरुद्ध उनके कार्य का संज्ञान लिया और इस संदर्भ में व्याख्यान देने हेतु उन्हें आमंत्रित किया था । वहां भी तपनजी ने प्रभावशाली भाषण दिया था ।
तपन घोष कर्तव्यनिष्ठ एवं ऋषितुल्य व्यक्तित्व ! – सुशील पंडित, सहसंस्थापक, ‘रूट्स इन कश्मीर’
तपन घोष सत्यनिष्ठ, ध्येयनिष्ठ, संवेदनशील, कर्तव्यनिष्ठ एवं ऋषितुल्य व्यक्तित्व थे । हिन्दुआें के साथ होनेवाले अन्याय की पीडा उनके मुख पर दिखाई देती थी । उन्होंने सर्वस्व समर्पित कर हिन्दुत्व के लिए कार्य किया ।
लडाकू तपनजी का कार्य प्रेरणादायक ! – अनिल धीर, राष्ट्रीय महामंत्री, भारत रक्षा मंच
लडाकू तपनजी के कार्य से प्रेरणा लेकर आज सहस्रों हिन्दू, धर्मकार्य कर रहे हैं । उन्होंने एक सेना की भांति (वन मैन आर्मी) निर्भयता से तूफानी कार्य किया । वे अपना कार्य बडी निष्ठा से करते रहे और कभी भी अपने कार्य की प्रसिद्धि नहीं की ।
तपन घोष सर्वसामान्य हिन्दुआें के लिए आधार ! – रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति
तपन घोष सामान्य हिन्दुआें के आधार थे । किसी भी राजनैतिक नेता की तुलना में लोग तपनजी पर अधिक विश्वास करते थे । जब उनसे यह पूछा गया कि हिन्दू विरोधी राज्य में वे बिना किसी सुरक्षा के कैसे रह रहे हैं ?, इस पर उनका उत्तर था ‘जब तक हममें प्रखरता होगी, तब तक लोग हम से डरेंगे !’ इससे उनकी क्षात्रवृत्ति दिखाई देती है ।
तपन घोष की मृत्यु की जांच हो ! – सुरेश चव्हाणके, मुख्य संपादक, सुदर्शन वाहिनी
बंगाल में आनेवाले समय में होनेवाले विधानसभा के चुनाव निर्णायक सिद्ध होंगे । उससे पहले ही तपनजी की मृत्यु हो गई । उनकी मृत्यु वास्तव में कोरोना के कारण ही हुई अथवा उनके साथ कोई छल हुआ है, इसकी जांच होनी चाहिए ।
‘हिन्दू धर्मरक्षा हेतु संघर्ष करते रहना’ उनके लिए सार्थक श्रद्धांजलि ! – चेतन राजहंस, राष्ट्रीय प्रवक्ता, सनातन संस्था
तपन घोष दूरदर्शी नेता थे । उनके मन में हिन्दू धर्मशास्त्र के प्रति आदरभाव था । वे सदैव कहते थे ‘संघर्ष ही हिन्दुओं के लिए आशा की एकमात्र किरण है !’ तपनजी के तत्त्वज्ञान का क्रियान्वयन करना ही उनके लिए वास्तविक श्रद्धांजलि होगी ।’
तपन घोष का स्वप्न पूरा करने हेतु हम कार्यरत रहेंगे ! – प्रकाश दास, स्व. तपन घोष के कार्य के उत्तराधिकारी
तपन घोष ने बंगाल के पीडित हिन्दुआें की रक्षा करने के साथ-साथ वहां के सामान्य हिन्दुआें में उत्साह भर दिया । उनकी धर्मरक्षा तथा हिन्दू-संगठन का स्वप्न पूरा करने हेतु हम कार्यरत रहेंगे ।
तपन घोष के संबंध में अन्य मान्यवरों द्वारा व्यक्त विचार
- तपन घोष ने निर्भयता से बंगाल के अत्याचारित हिन्दुआें की रक्षा और उन्हें आधार देने का कार्य किया ! – पू. (अधिवक्ता) रवींद्र घोषजी, संस्थापक अध्यक्ष, बांग्लादेश माइनॉरिटी वॉच
- तपन घोष जैसे योद्धा निर्माण होने पर हिन्दू धर्म की दुर्गति नहीं होगी ! – पू. (अधिवक्ता) हरिशंकर जैनजी, सर्वोच्च न्यायालय
- ‘बंगाल केसरी’ तपनजी के समान ही हिन्दुआें को धर्मरक्षा के लिए संघर्ष करना चाहिए ! – स्वामी प्रदीप्तानंदजी, भारत सेवाश्रम संघ, बंगाल
- तपन घोष का निष्काम कर्मयोग उन्हें मोक्षधाम तक ले जाएगा ! – डॉ. अजय च्रोंगू, अध्यक्ष, पनून कश्मीर
- तपन घोष का संपूर्ण जीवन धर्म, संस्कृति और भारतमाता के लिए समर्पित ! – विनोद बन्सल, राष्ट्रीय प्रवक्ता, विश्व हिन्दू परिषद
- तपनदा का रहन-सहन सादगीपूर्ण ! – श्री. अर्जुन संपथ, संस्थापक अध्यक्ष, हिन्दू मक्कल कच्छी
- तपन घोष को कश्मीरी हिन्दुआें के प्रति आत्मीयता और अपनत्व ! – राहुल कौल, राष्ट्रीय संयोजक, ‘यूथ फॉर पनून कश्मीर’
इन मान्यवरों ने अर्पित की श्रद्धांजलि !
‘इंटरफेथ स्ट्रेंथ’ के संस्थापक डॉ. रिचर्ड बेन्किन, भारतीय साधक समाज के संस्थापक श्री. अनिर्बान नियोगी, भारत रक्षा मंच के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री. सूर्यकांत केळकर, शिवसेना के तेलंगाना राज्य के अध्यक्ष टी.एन. मुरारी, शिवसेना के तमिलनाडु राज्य के अध्यक्ष जी. राधाकृष्णन्, नासिक के समर्थ ट्रस्ट के महामंत्री श्री. मनीष मंजुल.
विशेष : श्रद्धांजलि सभा के प्रारंभ में ‘श्री गुरुदेव दत्त’ का नामजप किया गया तथा तपन घोषजी के कार्य से संबंधित श्रव्य चक्रिका दिखाई
गई ।