परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार

(परात्पर गुरु) डॉ. आठवले

‘गरीबी होना अथवा न होना, इसके पीछे ‘प्रारब्ध’ ऐसा कुछ कारण है’, यह न जाननेवाले साम्यवाद की डींगे हांकते हैं और जो गरीब हैं अथवा नहीं है, उनमें समानता लाने का प्रयत्न करते हैं !’ – (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले