भारत-चीन सैनिकों के मध्य १५ जून को हुए घमासान की जानकारी
भारतीय सैनिकों के पराक्रम के सामने चीनी सैनिक कहींपर भी टिक नहीं सकते, इसे ध्यान में रखकर भारत को चीन के विरुद्ध कठोर कदम उठाने आवश्यक !
नई देहली – गलवान घाटी में १५ जून की रात को भारतीय सैनिकों द्वारा चीनी सैनिकों के मध्य हुए घमासान में शौर्य का परिचय दिए जाने की जानकारी अब सामने आने लगी है । चीनी सैनिकों ने पहले भारतीय सेना के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल बी. संतोष बाबूपर आक्रमण किया । उनके वीरगति को प्राप्त होने के पश्चात आगबबूला बने बिहार रेजिमेंट के सैनिकों ने चीनी सैनिकों को चुन-चुनकर उनकी गर्दन मरोडकर उन्हें मार डाला । एक अंग्रेजी समाचारपत्र ने सूत्रों के माध्यम से यह जानकारी दी है । सेना के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी कि इन चीनी सैनिकों के गर्दनों की हड्डियां टूट गई थीं और उनकी गर्दनें हिल रही थी । भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों की ऐसी स्थिति की, जिससे उन्हें पहचान पाना भी कठिन हुआ था ।’
भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को पकड-पकडकर मारा !
जब चीनी सैनिकों ने विश्वासघाती आक्रमण किया, तब उनकी संख्या भारतीय सैनिकों से अधिक थी । अतः भारतीय सेना की दूसरी टुकडी को इस बारे में जानकारी देकर उनसे सहायता मांगी गई । तब सेना का ‘घातक दल’ वहां पहुंचा । इस दल में केवल ६० ही भारतीय सैनिक थे; परंतु उन्होंने अपने शौर्य का परिचय देते हुए कुछ चीनी सैनिकों को मार डाला । चीनियों के पास तलवारें और लोहे की छ्डें थीं । भारतीय सैनिकों ने तलवारें और लोहे की छ्डें छीनकर उनपर ही वार किए । बिहार रेजिमेंट के सैनिकों का यह विकराल रूप देखकर सैकडों की संख्या में उपस्थित चीनी सैनिक इधर-उधर भागने लगे और घाटी में छिपे गए । उसके पश्चात भारतीय सैनिकों ने उन्हें पकड-पकडकर मार डाला ।
(सौजन्य : eurasiantimes)
चीन के कर्नल को पकडा था !
सैन्य सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार ‘इस घमासान में भारतीय सैनिकों ने चीन के एक कर्नल को पकड लिया था । इस पूरे घमासान में चीन के ५० से भी अधिक सैनिकों के मारे जाने की संभावना है ।’