- किसी अन्य प्राणी के शरीर में नहीं पाए जानेवाले, अपितु गाय के शरीर में विद्यमान प्रतिरोधक शक्ति के द्वारा कोरोनापर विजय प्राप्त की जा सकती है, यह विदेशी लोगों के ध्यान में आया; परंतु भारतीय लोगों के ध्यान में कब आएगा ?
- भारत में प्रतिदिन लाखों गोहत्याएं होते हुए भी क्या भविष्य में गायें औषधि बनाने के लिए शेष बचेंगी ?
नई देहली – अमेरिका के औषधियां बनानेवाले प्रतिष्ठान ‘’सैब बायोथेराप्यूटिक्स’’ ने यह दावा किया है कि, ‘गाय के शरीर में विद्यमान ‘एंटीबॉडीज’ (रोगप्रतिरोधक क्षमता) कोरोना संक्रमित रोगियोंपर गुणकारी सिद्ध हो सकेगी ।’
Could cows be the secret weapon to finding a treatment for #COVID19? Our newest #BeyondImagination feature at @BIOConvention’s #BIODigital highlights @SABBantibody and its work to produce human polyclonal antibodies in cows. pic.twitter.com/nwGqVXqipM
— I Am Biotech (@IAmBiotech) June 8, 2020
१. इस प्रतिष्ठान ने बताया कि ‘आनुवांशिक रूप से संशोधित गायों के शरीर से ‘एंटीबॉडीज’ निकालकर उससे कोरोना विषाणुओं पर विजय पानेवाली औषधि बनाई जा रही है । बहुत शीघ्र इस औषधि का चिकित्सकीय परीक्षण किया जाएगा ।’
२. ‘एंटीबॉडी’ का परीक्षण प्रयोगशाला में कोशिकाओं अथवा तंबाकू के पेडपर किया जाता है । ‘बायोथेराप्यूटिक्स’ प्रतिष्ठान विगत २० वर्ष से गाय के खुर में ‘एंटिबॉडीज’ विकसित कर रहा है ।
३. इस प्रतिष्ठान की ओर से गायों में आनुवांशिक बदलाव किए जाते हैं, जिससे उनमें रोगप्रतिरोधक कोशिकाएं अधिक संख्या में बढ सकें । उसके कारण वे प्राणघाती बीमारियों से अच्छी तरह लड सकेंगी । इस सभी प्रक्रिया के उपरांत ये गायें अपने शरीर में बडी मात्रा में ‘एंटीबॉडीज’ बनाती हैं, जिनका उपयोग मनुष्य के लिए हो सकता है ।
४. ‘सैब बायोथेराप्यूटिक्स’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एडी सुलिवान ने बताया कि ‘अन्य छोटे जीवों की तुलना में गायों में अधिक रक्त होता है । उससे गाय के शरीर में ‘एंटीबॉडीज’ भी अधिक बनते हैं, जिनका उपयोग उसके पश्चात मनुष्यों में किया जा सकता है । विश्व के अधिकांश प्रतिष्ठान कोरोना के विरुद्ध संघर्ष करने हेतु ‘मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज’ विकसित कर रहे हैं । गायों के संदर्भ में एक अच्छी बात यह है कि गायें ‘पॉलीक्लोनल एंटीबॉडीज’ बनाती हैं । अतः गायें किसी भी विषाणु का नाश करने में अधिक सक्षम हैं ।’