लक्ष्मणपुरी (उत्तरप्रदेश) – तबलीगी जमात के सदस्यों के विरोध में यदि समय पर कार्यवाई नहीं की जाती, तो उत्तरप्रदेश में अराजकता फैल गई होती, ऐसा वक्तव्य उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया है । वह एक हिन्दी समाचार वाहिनी को दी गई विशेष भेंटवार्ता में बोल रहे थे । उस समय उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि, ‘हम कुछ मुठ्ठी भर लोगों के लिए २३ करोड लोगों के जीवन से खेलने की छूट नहीं दे सकते थे; इसलिए हमने कानून के अनुसार उन पर कार्यवाई की थी ।‘
योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि,
१. तबलीगी जमात के सदस्यों के कारण कोरोना के विरुद्ध संघर्ष में बाधाएं उत्पन्न हुई थीं । ऐसे लोगों के विरुद्ध हमने कार्यवाई की थी । उनकी जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने देहली में कुछ लोगों को भेजा था ।
२. तबलीगी जमात के सदस्यों को कोरोना का संक्रमण होना कोई अपराध नहीं है; परंतु ‘इस रोग को छिपाने से संक्रमण बढ सकता है तथा इसके कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य पर संकट आ सकता है’, यह ज्ञात होते हुए भी ऐसी परिस्थिति उत्पन्न करने के लिए इस प्रकार का आचरण करना अपराध ही समझना चाहिए । तबलीगी जमात के कुछ लोगों ने यह अपराध किया है ।
३. एक ओर सरकार तबलीगी जमात के लोगों को संगरोध (क्वारंटाइन) केंद्र में लाकर उनकी जांच कर रही थी, तो दूसरी ओर वे स्वयं कोरोना से संक्रमित हैं, यह स्पष्ट होने पर भी वे संगरोध (क्वारंटाइन) केंद्र तथा कोरोना के चिकित्सालयों में उद्दंडता पूर्ण व्यवहार कर रहे थे और अनुचित आचरण किया, डॉक्टर और कर्मचारियों के साथ मारपीट की । पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारियों पर थूकने तक का उनका साहस बढ गया था । तब हमने उन पर कार्यवाही की । भविष्य में भी कानून हाथ में लेनेवालों तथा कानून के विरुद्ध आचरण करनेवालों को उसका मूल्य चुकाना पडेगा ।
४. प्रत्येक बात की ओर सांप्रदायिकता के दृष्टिकोण से देखनेवालों ने तबलीगी जमात के सदस्यों को निर्दोष कहा है । ऐसे लोगों ने देश की जनता के स्वास्थ्य से खेलने का काम किया है । इसके लिए जनता उन्हें कभी क्षमा नहीं करेगी ।