कोरोना विषाणु की रोकथाम हेतु ‘आर्सेनिक आल्ब ३०’ होमियोपैथी औषधि लें !

साधकों के लिए महत्त्वपूर्ण सूचना !

डॉ. प्रवीण मेहता

     कोरोना विषाणु के संक्रमण के कारण होनेवाली बीमारी से हमारी रक्षा हो अथवा उसकी रोकथाम हो; इसके लिए आयुष मंत्रालय द्वारा प्रकाशित परिपत्रक में होमियोपैथी की आर्सेनिक आल्ब ३० औषधि सुझाई गई थी । यह प्रतिरोधक औषधि सभी साधक स्मरणपूर्वक लें, यह महर्षिजी की आज्ञा है । उसके अनुसार सर्वत्र के साधकों को यह औषधि लेनी है ।

     इन औषधियों की गोलियां होमियोपैथी मेडिकल स्टोर में उपलब्ध होती हैं । कुछ स्थानों पर शासन ही नागरिकों में इन गोलियों का निःशुल्क वितरण कर रहा है ।

 

१. औषधि कितने दिन लेनी चाहिए ?

इस औषधि के निम्नांकित पद्धति से ३ कोर्स करें –

     निरंतर ३ दिन तक प्रतिदिन ५ गोलियां खाली पेट लें । यह एक कोर्स हुआ । तत्पश्‍चात १० दिन औषधि न लें । पुनः ११ वें दिन से निरंतर ३ दिन तक प्रतिदिन ५ गोलियां लें । यह दूसरा कोर्स हुआ । तत्पश्‍चात १० दिन औषधि न लें । उसके ११ वें दिन के पश्‍चात निरंतर ३ दिन तक प्रतिदिन ५ गोलियां लें । यह तीसरा कोर्स हुआ ।

     निरंतर ३ दिन औषधियां लेना खंडित न हो, इसकी ओर ध्यान दें । किसी कारणवश एक दिन औषधि लेना खंडित हो जाए, तो अगले (चौथे) दिन औषधि ले सकते हैं । तत्पश्‍चात १० दिन के अंतराल से पुनः ३ दिन औषधियां ले सकते हैं ।

२. औषधि किसे और कितनी मात्रा में लेनी चाहिए ?

अ. ५ वर्ष से भी छोटे बच्चों को २ गोलियां पानी में घोलकर दें ।

आ. ५ से ८ वर्ष के बच्चों को ३ गोलियां दें ।

इ. अन्य (९ वर्ष से अधिक आयु के) सभी ५ गोलियां लें । (गर्भवती महिलाएं यह औषधि ले सकती हैं ।)

३. औषधि किस प्रतिष्ठान की होनी चाहिए तथा उसे कैसे बनाना चाहिए ?

     विल्मर श्‍वाबन (Willmer Schwaben) अथवा एसबीएल (SBL) प्रतिष्ठान की औषधियों की गुणवत्ता अच्छी मानी जाती है । इन प्रतिष्ठानों की औषधियां मिलाकर बनाई गोलियां अथवा तरल औषधि के रूप में बनाई औषधि होमियोपैथी मेडिकल स्टोर में उपलब्ध रहती है, उसे हम ले सकते हैं ।

     तरल रूप में औषधि लाएं । फिर तर्जनी के आकार की बोतल साबुदाने के आकार की गोलियों से पूर्ण भर लें । उसमें औषधि की १० से १२ बूंदें डालें, तत्पश्‍चात औषधि को मिलाकर गोलियां लें ।

४. अन्य महत्त्वपूर्ण सूचनाएं

अ. सवेरे जागने पर कुल्ला कर (दांत मांजे बिना) औषधि लें । इन गोलियों से हमारे हाथों का स्पर्श न हो, इसकी ओर ध्यान दें । गोलियों की डब्बी के ढक्कन में ५ गोलियां लेकर उन्हें जीभ पर रखें और चूसकर खाएं ।

आ. औषधि लेने के पश्‍चात अगले आधे घंटे तक कुछ खाएं-पीएं नहीं । उसके पश्‍चात दांत मांज सकते हैं तथा चाय, अल्पाहार आदि ले सकते हैं । औषधि लेने के आधे घंटे तक कपूर और इत्र के उपचार न करें ।

इ. कभी-कभी औषधि लेने पर सरदी, खांसी आदि लक्षण दिखाई दे सकते हैं । ऐसे में भयभीत होकर औषधियां लेना बंद न करें और १० दिन पश्‍चात पुनः अगला कोर्स आरंभ करें ।

ई. औषधि की बोतल कपूर, इत्र, अगरबत्ती, कॉफी, हिंग आदि तीव्र गंधवाले पदार्थ के पास न रखें ।

साधको, महर्षिजी की आज्ञा के अनुसार आर्सेनिक आल्ब ३० औषधि बिना खंडित किए लेकर महर्षि का आज्ञापालन करें !

– डॉ. प्रवीण मेहता, पुणे, महाराष्ट्र. (१९.५.२०२०)