‘साधको, वर्ष २०२४ में १८ सितंबर को आंशिक चंद्रगहण लगा था तथा २ अक्टूबर को कंकणाकृति सूर्यग्रहण लगनेवाला है । ये दोनों ग्रहण भले ही भारत में दिखाई नहीं देनेवाले हैं; परंतु तब भी उनका कुछ मात्रा में प्रभाव रह सकता है । उस दृष्टि से ‘स्वयं पर ग्रहण का प्रतिकूल परिणास न हो’, इसके लिए भारतसहित पूरे विश्व के सभी साधक २ अक्टूबर तक निम्न नामजप कर सकते हैं –
अ. महाशून्य नामजप : ग्रहण के कारण संकट टले; इसके लिए ‘महाशून्य’ नामजप आधा घंटा करें ।
आ. ॐ नामजप : ग्रहण का निर्गुण स्तर का अर्थात कुल संपूर्ण दुष्प्रभाव दूर हो; इसके लिए आधा घंटा ‘ॐ’ नामजप करें ।
२. पितृपक्ष में पूर्वजों का कष्ट न हो; इसके लिए भगवान दत्तात्रेय का नामजप
पितृपक्ष में पूर्वजों का कष्ट न हो; इसके लिए ‘ॐ ॐ श्री गुरुदेव दत्त ॐ’ नामजप एक घंटा करने के लिए कहा गया था । अब इस अवधि में अन्य जप भी करने हैं; इसलिए यह नामजप आधा घंटा करें ।
३. दुर्घटना से रक्षा होने हेतु अलग से ‘महाशून्य’ नामजप करना
इसके अतिरिक्त ‘दुर्घटना न हो’; इसके लिए सद्गुरु डॉ. मुकुल गाडगीळजी द्वारा बताए अनुसार ‘महाशून्य’ नामजप अलग से १ घंटा करें ।’
सात्त्विक स्वर में ‘दत्त, महाशून्य एवं ॐ’ नामजप ‘सनातन संस्था’ के जालस्थल पर निम्न लिंक पर उपलब्ध हैं –
लिंक – https://www.sanatan.org/hindi/audio-gallery
– सुश्री मधुरा भोसले, सनातन आश्रम, रामनाथी, गोवा