सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘मानव ने कितनी भी कुशलता का उपयोग कर बनाए गए भवन देखने की अपेक्षा प्रकृति के आकाश, वायू, प्रकाश, पानी, भूमि, वनस्पती जैसे विविध घटकों का अनुभव करने पर हमें अधिक अच्छा लगता है। इसका मुख्य कारण है, वह सर्व ईश्वर ने बनाया है ।’
✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक