कर्मकांड का महत्त्व !

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी

‘बुद्धिवादी हिन्दू धर्म के कर्मकांड को ‘कर्मकांड’ कहकर नीचा दिखाते हैं; परंतु कर्मकांड का अध्ययन करें, तो यह समझ में आता है कि उसमें प्रत्येक बात का कितना गहन अध्ययन किया गया है !’

✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक