मॉस्को (रूस) – यूक्रेन की सेना ने रूस की सीमा में लगभग १० किमी घुसकर १ हजार किमी क्षेत्र पर नियंत्रण कर लिया है । दूसरे महायुद्ध के पश्चात पहली बार रूस के भू-भाग पर शत्रु का नियंत्रण हुआ है । इससे रूस की सेना भारी दबाव में है और वह यूक्रेन पर पलटवार कर रही है । ऐसी स्थिति में रूस की पुतिन सरकार ब्रिटेन के लंदन और अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर पर परमाणु बम गिराए, यह मांग अब रूस में जोर पकड रही है । रूसी रक्षा विशेषज्ञ स्टानिस्लाव क्रापिवनिक ने हाल ही में कहा था कि रूस पहले से ही उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) से युद्ध कर रहा है । अब इसका उत्तर लंदन और न्यूयॉर्क शहरों पर परमाणु बम गिराकर दिया जाना चाहिए । क्रापिवनिक ने कहा, ‘अमेरिकी लोग मानव नहीं, पशु हैं !’
१. फरवरी २०२२ से आरंभ रूस-यूक्रेन युद्ध अब भयानक मोड पर पहुंच गया है । इस युद्ध से यूरोप में दूसरे महायुद्ध के पश्चात सबसे बडा शरणार्थी संकट उत्पन्न हो गया है ।
२. रूस का सामना करने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन आदि नाटो देशों ने यूक्रेन को अरबों डॉलर की शस्त्रास्त्र और राजनयिक सहायता की है ।
३. ६ अगस्त को यूक्रेन की सेना ने रूस के कुर्स्क क्षेत्र पर आक्रमण कर १ हजार किमी भूमि पर नियंत्रण कर लिया था ।
४. रूस का परमाणु ऊर्जा केंद्र कुर्स्क क्षेत्र में ही पड़ता है । यहां बड़ी मात्रा में बिजली का उत्पादन होता है । रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने आरोप लगाया है कि यूक्रेनी सेना इस परमाणु ऊर्जा केंद्र को लक्ष्य बनाने वाली है ।
५. क्रापिवनिक ने भी इस धोखे के विषय में चेताते हुए कहा था कि कीव शहर को विश्व के मानचित्र से मिटाना आवश्यक है । यूक्रेन परमाणु बम की सीमा लांघ चुका है । यह खुला युद्ध है । इसका उत्तर उसे दिया जाना चाहिए ।
६. रूस के पास सर्वाधिक ५ हजार ५८० परमाणु बम हैं, तो अमेरिका के पास ५ हजार ४४ परमाणु बम हैं ।