साम्यवाद शब्द भविष्य में पृथ्वी से समाप्त होने का कारण

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी

‘साम्यवाद’ शब्द के अनुरूप कहीं भी ‘समानता क्यों नहीं होती ?’, इस संबंध में भी साम्यवादियों को जिज्ञासा नहीं होती; क्योंकि मूलभूत कारण, उदा. प्रारब्ध, अनिष्ट शक्तियों की पीडा, साधना इत्यादि उनको समझ में नहीं आता । अतः इन कारणों को दूर करने में वे कैसे सहायता कर सकते हैं ? इसीलिए शीघ्र ही ‘साम्यवाद’ शब्द ही पृथ्वी से समाप्त हो जाएगा ।’

✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक