वाशिंगटन (अमेरिका) – भारत एक महान शक्ति है । भारत कभी भी अमेरिका का औपचारिक मित्र अथवा भागीदार नहीं होगा; परंतु इसका अर्थ ऐसा नहीं कि विश्व स्तर पर सहयोगी के रूप में हमारे मजबूत संबंध नहीं हो सकते, ऐसा विधान अमेरिका के उप विदेश सचिव कर्ट कॅम्पबेल ने किया । वे प्रधानमंत्री मोदी की हाल ही में हुई मास्को यात्रा के विषय में सांसद जेम्स रिश के प्रश्न का उत्तर दे रहे थे । ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रशिया के उपरांत इस माह के अंत में यूक्रेन की राजधानी कीव शहर जाने की संभावना है’, ऐसा भी कॅम्पबेल ने कहा ।
कर्ट कॅम्पबेल ने आगे कहा कि, विश्व में बहुत कम देश हैं जिन्होंने ‘ग्लोबल साऊथ’ जैसे आवाहन किए हैं । ग्लोबल साऊथ में भारत की क्षमता अतुल्य है । (ग्लोबल साऊथ अर्थात दक्षिण और मध्य अमेरिका के देश, अफ्रीका के देश, भारतीय उपखंड के देश, खाडी देश, चीन आदि देशों का समूह) हमें अफ्रीका के साथ भी काम करना है । उस दृष्टि से भी अमेरिका के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है । मेरा विश्वास है कि भारत के अधिकांश लोगों को अमेरिका से अच्छे संबंध चाहिए । हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिए वे कृतज्ञ हैं । शिक्षा और तकनीक में हमारे द्वारा एकत्रित किए काम उन्हें पसंद आ रहे हैं ।
संपादकीय भूमिकास्वयं के लाभ के लिए अमेरिका को भारत से संबंध चाहिए; लेकिन भारत के विरोध में कार्यवाही करने वाले खालिस्तानी आतंकवादियों का समर्थन करने का काम अमेरिका कर रहा है । इससे उसकी दोहरी नीति ध्यान में आती है ! |