सनातन प्रभात > Post Type > सुविचार > बुद्धिवादी और साधकों में भेद ! बुद्धिवादी और साधकों में भेद ! 29 Jun 2024 | 09:49 AM Share this on :TwitterFacebookWhatsappKoo सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले ‘बुद्धिवादी प्राणियों के समान स्वेच्छा से वर्तन करते हैं तथा साधक परेच्छा और ईश्वरेच्छा से वर्तन करते हैं !’ ✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ‘सनातन प्रभातʼ नियतकालिक Share this on :TwitterFacebookWhatsappKoo नूतन लेख सर्वस्व का त्याग ही हिन्दू राष्ट्र स्थापना की नींव है !सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार‘आध्यात्मिक मानवतावाद एवं अंतरधर्मीय सुसंवाद’ के प्रवर्तक स्वामी श्री. आनंद कृष्णा का इंडोनेशिया में स्थित सात्त्विक आश्रम तथा उनके साधक !बांग्लादेश के हिन्दुओं की रक्षा हेतु धर्मनिष्ठता तथा अपनी लडाकू वृत्ति के कारण निरंतर लडनेवाले पू. (अधिवक्ता) रवींद्र घोषजी !परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के साधना हेतु क्रियाशील करनेवाले अभ्यासवर्गाें की ग्रंथमाला ! (खंड ३)पू. भगवंत कुमार मेनरायजी के पार्थिव शरीर से प्रचुर मात्रा में चैतन्य प्रक्षेपित होना तथा उनके अंतिम दर्शन करनेवाले साधकों को आध्यात्मिक लाभ होना