अपराधियों के साथ उनके परिजनों को भी दंडित करें !

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी

‘बच्चों पर उनके बचपन में ही सात्त्विकता के संस्कार करें, तो आगे बच्चों के अपराधी होने की संभावना घट सकती है । इसका विचार कर ‘छोटे आयु के अपराधी के परिजनों को भी उचित दंड देने का विचार राज्यकर्ताओं को करना चाहिए; क्योंकि धर्मशास्त्र में बताए अनुसार कर्मफलन्याय के अंतर्गत अभिभावकों को भी इसके परिणाम भोगने पडते हैं ।’

✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक