संस्कृत की अद्वितीयता तथा कांग्रेस की कर्मदरिद्रता

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी

संस्कृत भाषा में जैसे भाषा-सौंदर्य से भरे और जीवन संबंधी मार्गदर्शन करनेवाले सहस्त्रों सुभाषित हैं, क्या वैसे संसार की किसी भी अन्य भाषा में हैं? ऐसी भाषा को कांग्रेस सरकार ने मृत भाषा घोषित किया !’

✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक