सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘साधना के विषय में कुछ लोग केवल प्रश्न पूछते रहते हैं; परंतु कृति कुछ नहीं करते । वे लॉर्ड अलफ्रेड टेनिसन का आगे दिया वचन ध्यान में रख साधना करें ।
‘क्यों और कैसे ?’ इस प्रकार के प्रश्न पूछते ना रहें, अपितु कार्य में स्वयं को समर्पित करें और समय आने पर सर्वस्व भी अर्पित करें !’ – लॉर्ड अलफ्रेड टेनिसन
(Ours is not to reason why, ours is but to do and die. – Lord Alfred Tennyson)’
✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक