सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘विश्व के सभी महाविद्यालयों में तथा विश्वविद्यालयों में माया संबंधी विषयों की शिक्षा दी जाती है । इसके विपरीत महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय में १४ विद्याओं और ६४ कलाओं के माध्यम से ‘माया से मुक्ति कैसे प्राप्त करें’, इसकी शिक्षा दी जाएगी ।’
✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक