सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘न मे भक्तः प्रणश्यति ।’
– श्रीमद्भगवद्गीता, अध्याय ९, श्लोक ३१
अर्थ : मेरे भक्त का नाश नहीं होता । भक्त को, साधना करनेवाले को भगवान ही बचाते हैं, यह ध्यान में रख अभी से तीव्र साधन करें, तभी भगवान आपातकाल में बचाएंगे ।’
✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक