सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘अभिव्यक्ति स्वतंत्रता किसी दूसरे को आहत करना अथवा धर्म के विरुद्ध बोलने की स्वतंत्रता नहीं है’, यह भी स्वतंत्रता से लेकर विगत ७६ वर्ष भारत पर राज्य करनेवाले किसी भी राजनीतिक दल को समझ में नहीं आया !’
✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक