सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
साधना न सिखाने के कारण बच्चे नीतिमान नहीं होते । इस कारण बडे होकर वे बलात्कार, भ्रष्टाचार, गुंडागिरी इत्यादि करते हैं । उस समय बलात्कार इत्यादि करनेवालों को रोकने के लिए पुलिस की आवश्यकता होती है। आजकल पुलिस भी भ्रष्टाचारी होती है । भ्रष्टाचार इत्यादि करनेवालों को तथा भ्रष्टाचारी पुलिस को रोकने के लिए सरकारी अधिकारियों की आवश्यकता होती है । सरकारी अधिकारी भी भ्रष्टाचारी बन गए हैं । उनके साथ भ्रष्टाचारी नेता होते हैं । इस कारण कलियुग शिखर पर है । यह सब न हो, इसलिए अपराध होने के कारणों के मूल तक जाकर उपाय करना चाहिए, अर्थात साधना सिखानी चाहिए । आजकल यह किसी को भी समझ में नहीं आता, इस कारण देश पराकोटी के रसातल तक पहुंच गया है । इसका एक ही उपाय है, और वह है हिन्दू राष्ट्र की स्थापना कर, सभी को साधना सिखाना !’
✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक