सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘मानव को साधना एवं अध्यात्म सिखाए बिना वह ‘सुखी जीवन जी सके’, इसके लिए विविध उपकरण देनेवाले विज्ञान का मूल्य शून्य है ।’
– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिक