सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘विविध राजनीतिक दल ‘अपना दल सत्ता में आए’, इसके लिए पैसे बांटना इत्यादि अनुचित मार्ग अपनाते हैं । इसके विपरीत साधक तथा भक्त ‘ईश्वर का राज्य स्थापित हो’, इसके लिए प्रयत्नशील रहते हैं ।’
✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक