सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘आजकल की शिक्षा में ‘मानवता’ का विषय छोडकर अन्य सब कुछ सिखाया जाता है । इस कारण अनेक डॉक्टर रोगियों को कैसे ठगते हैं, अधिकांश पुलिसकर्मी जनता से कैसा आचरण करते हैं, यह हम अनुभव करते ही हैं । हिन्दू राष्ट्र में शालेय शिक्षा से लेकर स्नातकोत्तर तक की शिक्षा में ‘मानवता’ का विषय सभी को सिखाया जाएगा और सभी सात्त्विक बने, इसके लिए उनसे साधना भी करवाई जाएगी ।’
✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक