सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘यदि किसी विषय का अध्ययन न किया हो, तो उस विषय में कुछ नहीं कहते, उदा. डॉक्टर कानून के विषय में कुछ नहीं बोलते और अधिवक्ता चिकित्सा क्षेत्र के विषय में कुछ नहीं बोलते । ऐसा होने पर भी बुद्धिप्रमाणवादी अध्यात्म विषय का अध्ययन न होने पर तथा स्वयं साधना न करने पर भी दिन-रात उसके विरोध में बोलते रहते हैं !’
✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक