ईरान की ९०० से अधिक छात्राओं को विष दिए जाने का प्रकरण
तेहरान (ईरान) – ईरान में विद्यालय में शिक्षा लेने वाली ९०० से अधिक छात्राओं को विष दिए जाने का प्रकरण अधिक जटिल होता जा रहा है । देश में कुछ स्थानों पर इस प्रकरण में छात्राओं के अभिभावकों ने आंदोलन किया । आंदोलन के समय अभिभावकों ने कहा, ‘विष देनेवाले इस्लामिक स्टेट के समान हैं’ । इसके पूर्व ३ मार्च के दिन ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने दावा किया था कि विष देने का काम ईरान के शत्रु राष्ट्रों ने किया है तथा इस माध्यम से देश में भय और असुरक्षा का वातावरण निर्माण करने का प्रयास किया है । ईरान के गृहमंत्री ने इस प्रकरण की जांच करने का आदेश दिया है ।
Protests break out in Iran over schoolgirl illnesses https://t.co/18Y2UEA6mw pic.twitter.com/KM1IFa9lNh
— Reuters (@Reuters) March 4, 2023
१. विरोधी पार्टियों का कहना है कि, विष देने के पीछे देश के इस्लामी कट्टरवादियों का हाथ है ।
२. एक वरिष्ठ मौलवी ने (इस्लाम के धार्मिक नेता ने ) कहा कि, सरकार के वक्तव्यों के कारण सरकार के विषय में लोगों का विश्वास समाप्त हो गया है । इस कारण लोगों में भ्रम की स्थिति निर्माण हो गई है ।
३. हाल ही में जेनेवा में हुई संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकारों की बैठक में यह विषय रखा गया था । इस समय ईरान के शिक्षामंत्री ने यह स्वीकार किया था कि, लडकियों को विद्यालय जाने से रोकने के लिए ऐसा किया गया था । इसके उपरांत उन्होंने उनके वक्तव्य को वापस लिया था ।
४. छात्राओं को विष दिए जाने का प्रथम प्रकरण पिछले वर्ष २० नवंबर के दिन सामने आया, जब यहां के कोम शहर की ५० से अधिक छात्राओं को विष दिया गया था । उनमें से एक छात्रा की मृत्यु हो गई थी । वैश्विक वृत्तसंस्था ‘रॉयटर्स’ के अनुसार देश के ३१ में से १० प्रांतों के ३० विद्यालयों की छात्राओं को विष दिया गया था ।