सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार
![](https://static.sanatanprabhat.org/wp-content/uploads/sites/4/2021/08/05234641/ppdr_nam_colour320-300.jpg)
‘रज-तम प्रधान तथा स्वेच्छा को महत्त्व देनेवाले व्यक्तिगत स्वतंत्रता के समर्थक कल यदि ऐसा कहने लगे कि ‘भ्रष्टाचार, बलात्कार, हत्या इत्यादि करने की स्वतंत्रता चाहिए’, तो आश्चर्य नहीं !’
– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले