सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘धर्म एक ही है और वह है, हिन्दू धर्म । अन्य सभी पंथ हैं । हिन्दू धर्म के अतिरिक्त अन्य धर्मों का (पन्थों का) इतिहास देखें, तो उसमें विविध काल में लाखों हत्याओं का, क्रूरता का, बलात्कारों का, जीते हुए प्रदेश के स्त्री-पुरुषों को गुलाम के रूप में बेचने का सहस्रों बार उल्लेख है। मात्र अनादि काल से बने हुए हिन्दू धर्म के इतिहास में ऐसा एक भी उदाहरण नहीं ।’
– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले