सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘पश्चिमी देशों में रोटी, कपडा और मकान होते हुए भी मानसिक अस्वस्थता के कारण वहां के नागरिक आत्महत्या करते हैं । इसके विपरीत भारत की जनता की रोटी, कपड़ा तथा मकान जैसी मूलभूत आवश्यकताएं भी स्वतंत्रता से लेकर अभी तक की सरकारों ने पूर्ण नहीं की, इसलिए यहां के नागरिक आत्महत्या करते हैं । इसे टालने के लिए हिन्दू राष्ट्र ही आवश्यक है ।’
– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले