सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘धर्म विरोधकों के विचारों का खंडन करना समष्टि साधना ही है । इससे ‘धर्म विरोधकों के विचार अनुचित हैं’, यह कुछ लोगों को समझ में आता है एवं वे उचित मार्ग पर बढते हैं । ‘
– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले