कहां लगभग ३५०० वर्ष पूर्व ही निर्मित हुए विविध धर्म (पंथ), और कहां अनादि अनंत सनातन धर्म !

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार

परात्पर गुरु डॉ. आठवले

१४०० वर्ष पूर्व इस संसार में एक भी मुसलमान नहीं था, २१०० वर्ष पूर्व इस संसार में एक भी ईसाई नहीं था, २८०० वर्ष पूर्व एक भी बौद्ध अथवा जैन नहीं था तथा ३५०० वर्ष पूर्व इस संसार में एक भी पारसी नहीं था; फिर इसके पूर्व इस संसार में कौन था ? केवल हिन्दू थे । सनातन हिन्दू धर्म अनादि तथा अनंत है और प्रत्येक नागरिक का मूल धर्म ही है ।’
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवले