सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘व्यक्ति की अपेक्षा समाज और समाज की अपेक्षा राष्ट्र अधिक महत्त्वपूर्ण है, यह न समझनेवाले व्यक्तिगत स्वतंत्रता का समर्थन करनेवाले देश को विनाश की ओर ले जा रहे हैं !’
– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले